सावधान! यहां रात में जीन्स पहन घूमती रही कोरोना संदिग्ध लड़की, खौफ में नहीं लगी किसी की नींद
जयपुर. कोराना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। भारत में भी इसने अपनी दस्तक दे दी है। जिसके चलते देश में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। इससे बचने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई तरह के उपाय बता रही है। लेकिन राजस्थान प्रशासन की इस मामले सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां कोरोना से संदिग्ध मरीजों को यूनिवर्सिटी एंड हेल्थ साइंसेज हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में इसलिए रखा गया था ताकि वह किसी दूसरों के संपर्क में ना आएं। लेकिन इनमें से एक संक्रमित युवती रातभर अस्पताल परिसर में घूमती रही और ड्यूटी पर लगे डॉक्टर और कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि इसी अस्पताल में और भी दूसरी बीमारियों के मरीज थे।
Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2020 12:14 PM IST / Updated: Mar 05 2020, 05:46 PM IST
जिस तरह से संदिग्ध मरीज यहां रातभर घूमता रहा। उससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि यहां की राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग ने बंदोबस्त किए हैं। अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने मरीज की फोटो भी खींची थी। हालांकि सबह जब मीडिया ने प्रंबंधन से इस मामले में बात की तो सभी अधिकारियों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
कोरोना का खौफ आम लोगों में इस हद तक व्याप्त है कि जयपुर की जिस अस्पताल में इससे पीड़ित संदिग्धों को भर्ती कराया गया। तो वहां एडमिट दूसरे मरीजों को जैसे ही इन लोगों के बारे में पता चला तो वह सभी हॉस्पिटल से छुट्टी लेकर घर चले गए।
बता दें कि मंगलवार रात इटली से आए विदेश पर्यटक एंड्री कार्ली और उनकी पत्नी की जांच में कोरोनावायरस पॉजिटिव होने के बाद एमएमएस अस्पताल से प्रताप नगर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी एंड हेल्थ साइंसेज हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
इटली से राजस्थान घूमने आए 26 टूरिस्ट ग्रुप में 16 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह जहां-जहां भी राजस्थान घूमे या फिर जिन होटलों में रुके उन कमरों को राज्य सरकार ने फिलहाल के लिए सील कर दिया है। जानकारी के मुताबिक यह दल 21 से 28 फरवरी तक घूमा है।
प्रताप नगर में स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी हैल्थ एंड साइंसेज का अस्पताल भवन।
क्या है कोरोना के लक्षण? बुख़ार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, ये सभी या इनमें से कोई लक्षण हो सकता है। गंभीर मामलों निमोनिया और सांस लेने में बहुत ज्यादा मुश्किल हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में इसका संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है।इसके लक्षण सामान्य सर्दी ज़ुकाम जैसे होते हैं। इसीलिए टेस्ट करना ज़रूरी होता है ताकि पुष्टि हो सके कि संक्रमण कोरोना वायरस यानी कोविड-19 का ही है।