डॉक्टरों ने एड्स की दवा से कर डाला कोरोना मरीज का इलाज, और वो ठीक भी हो गई

जयपुर. कोरोना वायरस (COVID-19) से भारत में मरीजों और संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में अब तक 100 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। राजस्थान में भी कोरोना के कई मामले सामने आ चुके हैं। पर यहां जयपुर के डॉक्टरों ने कोरोना के रोगी का एड्स की दवा से इलाज कर दिया। डॉक्टरों ने ये एक प्रैक्टिकल जैसा करके देखा और एड्स की दवा से मरीज ठीक भी हो गई। पूरी दुनिया में कोरोना का कहर देख इन डॉक्टरों की मांग बढ़ गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 7:38 AM IST / Updated: Mar 16 2020, 01:20 PM IST

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डॉक्टरों ने एड्स की दवा से कर डाला कोरोना मरीज का इलाज, और वो ठीक भी हो गई
जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) हॉस्पिटल में कोरोना के कई मरीज भर्ती हैं। यहां के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस से पीड़ित दो विदेशी महिला को एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवाओं इलाज किया। महिला ठीक भी हो गई अस्पताल से जा चुकी है। इलाज के बाद COVID-19 टेस्ट में इस महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बताया गया कि यह महिला उसी 23 सदस्यीय इटैलियन ग्रुप के साथ राजस्थान आई थी, जिसमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
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बताया गया कि इस ग्रुप में महिला का पति ही वह पहला शख्स था, जिसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलोजी (एनआईवी) पुणे ने 3 मार्च को इस शख्स को कोरोना से पीड़ित बताया था। अगले ही दिन शख्स की पत्नी भी कोरोना से पीड़ित निकली। एसएमएस हॉस्पिटल ने इसी महिला का एचआईवी की दवाओं से इलाज किया। दोनों मरीजों को ही सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो जयपुर डॉक्टरों ने उनका इलाज करने के लिए एंडी एचआईवी दवाओं का उपयोग किया।
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डॉक्टरों ने एड्स में काम आने वाली लोपिनाविर 200mg/रिटोनाविर 50mg की दिन में दो खुराक और स्वाई फ्लू में काम आने वाली ओस्लेटामिविर और मलेरिया की दवा क्लोरीकीन देने का निर्णय लिया था।
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उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि जयपुर में इतालवी दंपत्ति को Anti HIV दवाएं देने का फैसला "प्रारंभिक तौर पर स्थानीय रूप से" किया गया। अधिकारियों ने कहा कि इस अस्पताल को भविष्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को ऐसी दवाएं देने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को सूचित करने को कहा गया।
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कोरोना वायरस (COVID-19) से प्रतिदिन बढ़ती मृतकों और संक्रमितों की संख्या के कारण पूरी दुनिया में इसकी दहशत फैली हुई है। वैज्ञानिकों की ओर से इसकी वैक्सीन या उपचार ढूंढने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसका आधिकारिक इलाज नहीं मिल सका है।
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जयपुर में इटली के 23 पर्यटकों का ग्रुप 21 फरवरी को भारत आया था। इसके बाद सभी पर्यटक बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर की यात्रा करते हुए 28 फरवरी को जयपुर पहुंचे थे। उस दिन 69 वर्षीय एक पर्यटक की तबीयत बिगड़ गई। जांच में उसके कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। बाद में उनकी 65 वर्षीय पत्नी की जांच की गई तो वह भी कोरोना से संक्रमित पाई गई। इसके बाद से उनका SMS अस्पताल में उपचार चल रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह बताया कि चिकित्सकों ने इलाज के लिए दी जाने वाली दवा के लिए कई घंटों तक बैठक की। उस दौरान चिकित्सकों ने कई मेडिकल जर्नलस के पन्ने पलटे और गूगल की भी मदद ली।
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SMS अस्पताल के डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि उपचार के बाद महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आना अस्पताल के चिकित्सकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उधर, दवाओं के लगातार उपयोग से महिला के पति की हालत में भी सुधार हुआ है, लेकिन उनके लंग्स की बीमारी होने के कारण रिकवरी में समय लग रहा है।
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दुनिया में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक पूरी दुनिया में इससे 4,614 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 100 से अधिक इससे संक्रमित बताए जा रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया में सवा लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
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