यह आंदोलन था या दंगा: उपद्रवियों ने सरकार झुकाने फूंक दी 250 करोड़ की सम्पत्ति

Published : Sep 29, 2020, 09:43 AM IST

जयपुर, राजस्थान. खाली पड़े शिक्षक भर्ती ((Rajasthan teacher recruitment movement)) के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर पिछले तीन हफ्तों से चले प्रदर्शन के उग्र रूप में करीब 250 करोड़ रुपए की सम्पत्ति फूंक दी गई। बेशक राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के जरिये इस समस्या का हल  निकालने पर सहमति दी है, लेकिन इस प्रदर्शन ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। बता दें कि डूंगरपुर, खेरवाड़ और उदयपुर में उपद्रवियों ने भारी तांडव मचाया। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? कुछ नेता बेशर्मी से कहते हैं कि गाड़ियों का बीमा होता है, इसलिए पैसा मिल जाएगा। चूंकि इस शिक्षक भर्ती मामले में राज्य सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती थी, लेकिन इस विवाद को पहले ही सुलझा लिया जाता, तो आगजनी की नौबत नहीं आती। डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम कहते हैं कि नुकसान के आकलन के लिए एक कमेटी बनाई गई है। वहीं, एसपी जय यादव दो टूक कहते हैं कि उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं होंगे।

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यह आंदोलन था या दंगा: उपद्रवियों ने सरकार झुकाने फूंक दी 250 करोड़ की सम्पत्ति

यह है मामला... 12 अप्रैल 2018 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा के 5431 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें एसटी को 45, एससी को पांच और सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। यानी सामान्य वर्ग के 1554 पद भरे जा चुके हैं। 1167 खाली हैं। इन्हीं खाली पदों पर एसटी उम्मीदवारों की नियुक्ति की मांग की जा रही है।

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इस घटनाक्रम में सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उपद्रव को देखते हुए उदयपुर की सराडा और गोगुंदा पंचायत समितियों की 55 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।

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किसी दंगे से कम नहीं था यह आंदोलन। इस तरह गाड़ियां फूंक दी गईं।

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इस आगजनी में निजी प्रापर्टी को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।

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पुलिस ने सैकड़ों उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।

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हजारों की भीड़ ने आगजनी की।

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पुलिस को उपद्रवियों को संभालने कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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उपद्रवियों ने हाईवे से निकलने वाले वाहनों को भी आग लगा दी।

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ये तस्वीरें दंगे से कम नहीं हैं।

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इस आंदोलन के उग्र होने में प्रशासन की खामी दिखाई दी।

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आंदोलनकारियों ने बस्तियों में घुसकर नुकसान किया।

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आंदोलनकारियों ने पुलिसवालों पर पत्थर बरसाए।
 

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इस तरह का मंजर दिखा आंदोलन के दौरान।

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उपद्रवियों के चलते रास्ते जाम रहे।

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