परिवार के लोग शवों से लिपट रो पड़े
जिस घर से तीनों बहनों की डोली उठी थी उसी घर में तीनों बहनों का शव एक साथ पहुंचा। उसके बाद इन शवों का जब अंतिम संस्कार किया गया तो मानो आसमान ही रो उठा। महिलाओं के परिवार और आसपास के गांवों की महिलाओं को श्मशान में जाने की इजाजत नहीं थी। ऐसे में जब एंबुलेंस से शव घर पर लाए गए तो परिवार के लोग शवों से लिपट पड़े। वहां जो भी मौजूद थे ऐसा कोई व्यक्ति शायद ही बचा होगा जिसकी आंखें नम ना हुई हो ।