मौत की चीखों से गूंजा राजस्थान: जब 5 भाइयों सहित एक साथ जलीं 8 चिताएं, तो बुच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रो पड़े

उदयपुर (राजस्थान). दो दिन पहले बिहार के पूर्णिया में हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाले  8 लोगों का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। पूरी रीति-रिवाज और परंपराओं के तहत 4 गांवों के सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से इन आठों को अंतिम विदाई दी गई। जब एक साथ आठ लोगों की चिताएं जलाई गईं तो पूरा गांव रो पड़ा। आलम यह था कि मौत का मातम में पूरे गांव में चूल्हा तक नहीं जला। हादसे में मारे गए दो सगे भाई और तीन चचेरे भाई भी शामिल थे। जानिए वो भयानक मंजर...कैसे ये आठों मजदूर मौत के मुंह में समा गए थे
 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2022 12:22 PM IST / Updated: May 26 2022, 05:54 PM IST
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मौत की चीखों से गूंजा राजस्थान: जब 5 भाइयों सहित एक साथ जलीं 8 चिताएं, तो बुच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रो पड़े

मौत की चीखों से पूरा गांव गूंज उठा
बता दें की उदयपुर जिले के खेरवाड़ा के मारे गए आठों मजदूरों के शव बुधवार शाम बिहार से राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे थे। उसके बाद  इन शवों को उदयपुर भेजा गया। जैसे ही देर रात शव मृतकों के पैतृक गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। मौत की चीखों से पूरा गांव गूंज उठा। शवों को देखकर बच्चे शवों से लिपटकर फट पड़े। महिलाओं ने कोहराम मचा दिया। कई गांवों के लिए लोग इस घटना के गवाह बने।
 

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बुजुर्ग हो या बच्चे शव ने दी अंतिम विदाई
सुबह करीब 8 बजे आज सभी शवों को अंतिम विदाई देने के लिए जब शव यात्रा निकाली गई तो सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। आसपास के कई गांव को लोग वहां मौजूद थे। हर कोई इस मार्मिक क्षण का गवाह बना। बुजुर्ग हो या बच्चे शव नम आखों से अंतिम विदाई दे रहे थे। मृतकों के परिवरा का तो रो-रोकर बुरा हाल था। वह शव को पकड़ रोते रहे। 
 

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दो भाइयों का एक चिता पर किया गया अंतिम संस्कार
बता दें कि हादसे में मारे गए इन 8 मजदूरों में दो सगे भाई और तीन चचेरे भाई भी शामिल थे। एक गांव में दो सगे भाइयों बसु और ईश्वर की एक साथ शव यात्रा निकली गई। कानपुर के निचला तालाब में दो मृतकों के शव को एक ही चिता पर रखकर अंतिम संस्कार किया गया। इसके अलावा फुटाला गांव में तीन चचेरे भाइयों कांतिलाल, मणीलाल और कावाराम की शवयात्रा भी एक साथ निकाली गई। इससे अलग पाछा पाड़ला में एक मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। 

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जानिए कैसे ये आठों मजदूर मौत के मुंह में समा गए
बिहार के पूर्णिया जिले में सोमवार करीब 15 मजदूर ट्रक में सवार थे। बोरवेल मशीनों के पाईप और लोहे का अन्य सामान ट्रक में भरा हुआ था। ये सभी मजदूर बोरवैल खोदने के लिए उसी ट्रेलर पर मजदूरी करते थे और सिलीगुड़ी से जम्मू कश्मीर जा रहे थे। अचानक चालक को नींद की झमकी आने के बाद ट्रक पलट गया। जहां पाइव के नीचे दबने से  8 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें ईश्वर लाल, वसु लाल, काबा राम, कांति लाला, हरीश, मनी लाला, दुष्मंत और एक अन्य शामिल थे।
 

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काम करने जा रहे थे सभी मजदूर
पता चला कि सभी मृतक बोरवेल की गाड़ियों के साथ काम करने गए थे। मरने वालों में चार खेरवाड़ा, सरेरा, महुवाल, मालिफला गांव के रहने वाले हैं। वहीं 4 खेरवाड़ा के पाछा, पडला गांव के रहने वाले थे। मौके पर दूसरे तीन घायल भी इसी क्षेत्र के हैं। इस हादसे के बाद सीएम ने सभी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषण की थी। जिन लोगों की इस हादसे में मौत हुई है उनमें से अधिकतर शादीशुदा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस काम के बाद कई मजदूर अपने घर लौटने वाले थे। उनके बच्चे उनका इंतजार कर रहे थे। बिहार से जयपुर और जयपुर से उदयपुर शव लाने के दौरान खेरवाडा एमएलए दयाराम परमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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