पतंगबाजी के गढ़ जयपुर में ये महोत्सव नहीं देखा तो वास्तव में कुछ नहीं देखा, देखिए शानदार तस्वीरें

जयपुर (jaipur). राजस्थान के जयपुर शहर की पतंगबाजी नहीं देखी तो वास्तव में कुछ नहीं देखा देखा। दरअसल मकर संक्रांति के पर्व पर यहां के जल महल पर होता है स्पेशल पतंगबाजी महोत्सव। कोरोना के चलते 2 साल तक यह महोत्सव नहीं मनाया गया लेकिन कोविड के बाद यह महोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। देखिए पतंगबाजी की शानदार पिक्चर...

Sanjay Chaturvedi | Published : Jan 14, 2023 5:47 AM IST

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पतंगबाजी के गढ़ जयपुर में ये महोत्सव नहीं देखा तो वास्तव में कुछ नहीं देखा, देखिए शानदार तस्वीरें

राजस्थान का जयपुर शहर पतंगबाजी का गढ़ है। देश-विदेश से जयपुर पतंगबाजी के लिए लोग आते हैं। जयपुर की चारदीवारी में होने वाली पतंगबाजी पूरे शहर में ही नहीं पूरे राजस्थान में सबसे खास है।

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जयपुर के चारदीवारी इलाके में स्थित हांडी पुरा बाजार पूरे राजस्थान का सबसे बड़ा पतंग बाजार है। राजस्थान में इस बार करीब 18 करोड़ की पतंगे बिकने का अनुमान है। यह अब तक की सबसे ज्यादा रिकॉर्ड बिक्री है।

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जयपुर के जल महल पर स्थित पतंग महोत्सव भी आज से शुरू हुआ है, जो 2 दिन तक चलता है। इस पतंग उत्सव में देश-विदेश से आने वाले पतंग बाज विशेष पतंग मोटी डोर से उड़ाते हैं।

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 जयपुर की छतों पर सवेरे 5:00 बजे से ही स्पीकर और डेक शुरू हो गए हैं। वो काटा .... वो मारा.... का शोर जयपुर के आसमान पर गूंज रहा है।

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शहर के चारदीवारी इलाके में रहने वाले 80 वर्षीय भगवान सहाय शर्मा का कहना है की पतंगबाजी का त्यौहार लगातार बदल रहा है। पहले एक ही छत पर दर्जनों लोग हुआ करते थे।

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लेकिन अब शहर में जगह की कमी होने के कारण लोगों ने शहर से बाहर नए ठिकाने बना लिए। इस कारण अब शहर की छतों पर उतनी भीड़ नहीं रहती, जितनी पहले हुआ करती थी।

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जगह की कमी के चलते अब सरकार ने खुली जगहों पर पतंगबाजी का महोत्सव आयोजित करवाती है। इसके साथ ही जयपुर के राजपरिवार के लोग अपनी विरासत और परंपरा से रूबरू कराने व इसे जीवित रखने के लिए हर साल पतंगबाजी का आयोजन करवाते है।

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राजस्थान में पतंगबाजी का इतिहास 19 सदी का है। यहां के राजा सवाई रामसिंह द्वितीय बहुत कुशल पतंगबाज थे, इसके चलते ही इन्होंने पतंग खाना की शुरूआत की है। फिर यहां देश- विदेश को लोग पतंग उड़ाना सीखने आने लगे। तभी से लोगों में पतंगबाजी का शौक आने लगा।

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समय बीतता गया और 2 साल का कोरोना लॉकडाउन भी आया लेकिन पतंगबाजी के शौक में किसी तरह की कमी नहीं आई है। यह शौक अब जयपुर की चारदीवारी से निकलकर पूरे राजस्थान में फैल गया है।

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