कोटा (राजस्थान). कहते हैं एक पिता अपने बच्चों की खुशी की खातिर नम आंखों से गमों के घूट पी लेता है। ऐसी ही एक ह्रदय विदारक घटना राजस्थान के सवाई माधोपुर में सामने आई है। यहां के रहने वाले रमेश चंद्र अपनी बेटी प्रीति के विवाह की सारी रस्में अपने आंसुओं को छिपाकर निभाता रहा। वह कभी कोने में जाकर रोता तो कभी सहम जाता। लेकिन बेटी और पत्नी को उसने यह पता नहीं बताया कि शादी में शामिल होने आ रहे उसके मायके वालों की रास्ते में मौत हो गई। जब दुल्हन बनी बेटी बार-बार पूछती रही मामा-मामी कब आएंगे, वह समझाता रहा- जल्द आ जाएंगे...उनका फोन नहीं लग रहा है...वो रास्ते में होंगे। दुल्हन और उसकी मां रात को वरमाला होने तक पूरी तरह सहज तरीके से हर रस्म को विधि-विधान से निभाती दिखाई दीं। एक पिता अगर यह झूठ नहीं बोलता तो दोनों की यह खुशियां मातम में बदल जाती और शहनाई की जगह चीखें सुनाईं देती। बता दें, 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे में मारे गए मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।