शादी वाले दिन एक परिवार के 10 लोगों की उठी अर्थींं, घर में चूल्हा जलाने वाला कोई नहीं बचा

कोटा (राजस्थान). बूंदी हादसे में मारे गए 24 लोगों में 10 एक ही परिवार के रहने वाले थे। कोटा के बसंत विहार में बना उनका मकान अब वीरान पड़ा है। हादसे में इस घर के 3 पुरुष और 7 महिलाओं की मौत हो गई। जबकि परिवार के तीन लोग अभी अस्पातल में भर्ती हैं। आलम यह है कि इस घर में कोई भी महिला चूल्हा जलाने वाली नहीं बची। जो भी इस मकान की तरफ देखता है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं। बता दें, 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे में मारे गए मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 28, 2020 6:22 AM IST / Updated: Feb 28 2020, 07:36 PM IST
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शादी वाले दिन एक परिवार के 10 लोगों की उठी अर्थींं, घर में चूल्हा जलाने वाला कोई नहीं बचा
मुराली लाल धोबी के मकान में ताला लटका हुआ है। आलम यह है कि ना कोई हाल पूछने वाला बचा है और ना कोई जानने वाला। हादसे से मुराली के पड़ोसी भी सदमें में है।हर कोई यही कह रहा है- नियति बड़ी निष्ठुर है, देखो... कल तक वो हमारे घर के दरवाजे पर खड़े होकर शादी में जाने की तैयारी के बारे में पूछ रहे थे। आज खुशी की जगह घर में सन्नाटा पसरा हुआ है।
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मुराली लाल की बसंत विहार कॉलोनी में ऐसा लग रहा है जैसे मोहल्ले में धारा 144 लगा दी गई हो। उनकी गली से अब कोई नहीं निकल रहा है।
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बुधवार के दिन जैसे ही मृतकों के शव कोटा शहर में लाए गए तो वह पल बड़ा ही भयानक था। हर कोई घरों से निकल एक बार उनको देखना चाहता था। अलग-अलग एंबुलेंस से मृतकों के शवों को श्मशान घाट ले जाया गया। ऐसा लग रहा था पूरा गांव खत्म हो गया है।
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मृतकों के शव आने के बाद पड़ोसी ऐसे रो रहे थे, जैसे उनका कोई अपना इस दुनिया को छोड़कर चला गया हो। वह हाथ जोड़कर यही कह रहे थे कि भगवान ऐसे दिन किसी को ना दिखाए।
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एक साथ 21 लोगों की अंतिम यात्रा में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शामिल हुए। सबकी जुबान से  यही बात निकली कि आज तक इतना भयानक मंजर नहीं देखा।
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पड़ोसियों ने कहा- जो बचे हैं, वो अस्पताल में हैं। मुराली लाल का बेटा अमित इस सदमे को सहन नहीं कर पा रहा है और उसे परिजनों ने रात को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया है।
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रमेश अपनी बेटी की शादी को लेकर बहुत खुश था। वह यही सोच रहा था कि जल्द ही उसके ससुराल से लोग आ जाएंगे तो विवाह में भात की रस्म हो जाएगी। लेकिन मैरिज गार्डन में कुछ देर बाद ही किसी ने सूचना दी कि जिस बस से उसके साले और परिवार के लोग आ रहे थे वो एक नदी में गिर गई है और उसमें 24 लोगों की मौत हो गई। यह सुनते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई और वह मंडप से बाहर जाकर बीच सड़क पर रोने लगा लेकिन हिम्मत करके अपनी बेटी प्रीति के विवाह की सारी रस्में अपने आंसुओं को छिपाकर निभाता रहा। वह कभी कोने में जाकर रोता तो कभी सहम जाता। लेकिन बेटी और पत्नी को उसने यह पता नहीं बताया कि शादी में शामिल होने आ रहे उसके मायके वालों की रास्ते में मौत हो गई।
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इस दर्दनाक एक्सीडेंट में मरने वालों में दो परिवार ऐसे थे, जिनमें पति-पत्नी और एक-एक बच्चे शामिल थे।
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