खूबसूरती में एक्ट्रेस को भी पीछे छोड़ देती है ये MBBS सरपंच, बदलकर रख दी अपने गांव की तकदीर

जयपुर. राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 (Panchayat elections) का नोटिफिकेशन जारी हो गया है, चुनाव आयोग के मुताबिक पंचायत चुनाव चार चरणों में होगा। पहले चरण में 100 पंचायतों के चुनाव 28 सितंबर को होंगे। इन चुनावों में कई महिला उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रही हैं। इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं भरतपुर जिले की युवा सरपंच के बारे में जिन्होंने दो साल पहले  MBBS डॉक्टर होने के साथ-साथ चुनाव लड़ा और सरपंच बनकर इलाके में मिसाल पैदा की। वह जितनी अपनी काबिलियत के लिए जानी जाती हैं, उतनी ही  खूबसूरती के लिए सुर्खियां बटोर चुकी हैं। जिन्हें पहली बार देखने पर ऐसा लगता है कि वह कोई मॉडल या एक्ट्रेस हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2020 7:30 AM IST / Updated: Sep 23 2020, 01:24 PM IST

111
खूबसूरती में एक्ट्रेस को भी पीछे छोड़ देती है ये MBBS सरपंच, बदलकर रख दी अपने गांव की तकदीर


बता दें कि इस युवा महिला सरपंच का नाम शहनाज खान है जो दो साल पहले  24 साल की उम्र में भरतपुर जिले में गरहाजन गांव की कमां पंचायत में सरपंच चुनी गईं। पहली बार यहां की पंचायत को एमबीबीएस और इतनी युवा सरपंच मिली है। महिला सरपंच शहनाज खान की पूरी फैमिली राजनीति में है और वो अपनी दादा की सीट पर सरपंच बनी हैं।  उन्होंने साल 2018 में सरपंच के चुनाव को 195 वोटों से जीता था।

211


सरपंच चुनाव में जीत के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए शहनाज ने कहा था कि वह बहुत ही किस्तम वाली हैं जो उनको अपने गांव के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है, मेरी पहली प्राथमिकताएं हैं यहां की लड़कियों की पढ़ाई और स्वच्छता।

311


शहनाज सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं और वह देश में चल रहे हर मुद्दे पर अपनी खुलकर राय रखती हैं। वह अक्सर कहती हैं कि आज भी कई लोग बेटियों को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेजते हैं. मैं लड़कियों की शिक्षा पर काम करना चाहती हूं। बता दें कि महिला सरपंच शहनाज गुरुग्राम के एक सिविल अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप भी पूरी कर चुकी हैं। वह आगे पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी करना चाहती हैं।

411


शहनाज ने 5th तक पढ़ाई हरियाणा के गुरूग्राम के श्री राम स्कूल से की और 6th से 12th की पढ़ाई मारूति कुंज से की है। उसके बाद शहनाज उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से MBBS किया।

511


शहनाज का पूरा परिवार पहले से ही राजनीति में है। पिता जलीस खान गांव के प्रधान, मां जाहिदा खान  विधायक, संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं। जबकि उनके दादा  हनीफ खान  55 साल तक सरपंच थे। वहीं से वहीं से वह अपना पहला चुनाव जीती हैं।

611


 शहनाज  को सरपंच बनने के लिए पूरे गांव का आशीर्वाद मिलने के साथ ही ज्यादातर लोगों का सपोर्ट भी मिला। वह जब लोगों के घर उनसे मिलने या आर्शीवाद लेने जाती थीं तो लोग कहते थे कि बिटिया तुम डॉक्टर होकर भी गांव-गांव भटक रही हो। 

711


शहनाज के खान के परिवार के अलावा उनके अधिकतर रिश्तेदारों का इतिहास भी राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनके नाना चौधरी तैयब हुसैन पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के केबिनेट मंत्री रहे थे और सांसद भी रहे हैं।
 

811

बता दें कि शहनाज के दादा पर फर्जी सर्टिफिकेट देने का आरोप था, जिसके जिसके चलते दादा का सरपंच चुनाव रद्द कर दिया था। जिसके बाद शहनाज ने खुद अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की ठान ली और चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़ीं।

911


शहनाज जिस जगह मेवात से हैं वहां का इलाका ऐसा है कि मुस्लिम बेटियों की पढ़ाई को भी दरकिनार कर दिया जाता है। पहले उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की ठानी और फिर अब सरपंच पद पर जीत दर्ज कराकर मेवात क्षेत्र की बेटियों का गौरव बन गईं।
 

1011

शहनाज जिस तरह से दो साल में ही अपने गांव में विकास किया है हर कोई उनका कायल है। उन्होंने गांव की तकदीर बदलकर रख दी है। वह अपने इलाके की लड़कियों के लिए रॉल मॉल हैं।

1111

बता दें कि शहनाज को फोटो खिंचवाना बेहद पसंद है। जिनको वह अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos