10 लाख घूस लेने वाली एसडीएम को 65 दिन बाद मिली जमानत, शादी के 5 दिन बाद ही गई थीं जेल

जयपुर (Rajasthan) । दौसा में 10 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में जेल गई एसडीएम पिंकी मीणा को 65 दिन बाद शुक्रवार को जमानत मिल गई। ये जमानत हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने उनकी  जमनान याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। बता दें कि एसडीएम जेल से 10 दिन की सशर्त छु्ट्टी लेकर बाहर आई थीं और एक जज से शादी करने के बाद पुनः सरेंडर की थी। जहां से जज ने उन्हें जेल भेज दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2021 2:03 PM IST / Updated: Mar 19 2021, 07:34 PM IST
15
10 लाख घूस लेने वाली एसडीएम को 65 दिन बाद मिली जमानत, शादी के 5 दिन बाद ही गई थीं जेल

बता दें कि दौसा जिले में हाइवे बनाने वाली एक कंपनी से रिश्वत में मोटी रकम मांगने का मामला सामने आया था। तब जयपुर मुख्यालय से दौसा गई एसीबी की टीम ने एसडीएम दौसा आएस पुष्कर मित्तल को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। वहीं, एसडीेम बांदीकुई आरएस पिंकी मीणा को कंपनी से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था।
 

25

14 जनवरी यानी 65 दिन से पिंकी मीणा जेल में थी। शादी के लिए बीच में उनको 10 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। इसी मामले में एबीसी ने दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल और उनके लिए दलाली करने वाले नीरज मीणा और गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया था।
 

35

एसडीएम पिंकी मीणा को हाईकोर्ट ने 11 फरवरी को 10 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। जिसके बाद वो  जेल से बाहर आई थी और 16 फरवरी को जज से शादी की थी। शादी के बाद 21 फरवरी को दोबारा कोर्ट में सरेंडर करने पर पिंकी मीणा को जेल भेज दिया गया था। बता दें कि तब से वो जयपुर में घाटगेट स्थित महिला जेल में बंद हैं।
 

45

एसडीएम पिंकी मीणा के वकील वीआर बाजवा ने पैरवी करते हुए कहा कि मामले में ACB की तरफ से जांच पूरी हो चुकी है। कोर्ट में चालान भी पेश किया जा चुका है। वे महिला हैं। उनकी 16 फरवरी को ही शादी हुई। इसके बाद से वे लगातार जेल में बंद हैं। ऐसे में उनको जमानत दी जानी चाहिए।
 

55

सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने पिंकी मीणा को जमानत देने का विरोध किया। बताते हैं कि उन्होंने अपनी दलील में कहा कि SDM के पद पर रहते हुए पिंकी मीणा ने 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। उनको जमानत देने के बजाए न्यायिक अभिरक्षा में ही रखना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार करने वालों के बीच कड़ा संदेश जाए।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos