गला कटने के बाद 4 साल का मासूम सिर्फ इतना बोल सका, अब्बू मांझा..फिर कभी नहीं उठ सका
जयपुर, राजस्थान. चाइनीज मांझे ने एक और मासूम की जिंदगी की डोर काट डाली। यह दर्दनाक हादसा रविवार को जयपुर में हुआ। 4 साल का मासूम अपने पिता के साथ बाइक पर बैठकर मौसी के घर जा रहा था, तभी रास्ते में हादसा हो गया। कुछ दिनों बाद मकर संक्रांति आने वाली है। इस दिन बड़े जोर-शोर से पतंगबाजी होगी। 15 अगस्त के बाद मकर सक्रांति पर पतंगबाजी का बड़ा क्रेज होता है। एक समय था, जब बरेली(यूपी) का मांझा लोगों की पहली पसंद हुआ करता था, लेकिन पतंग काटने के जुनून में लोगों ने चाइनीज मांझे को अपना लिया। इस मांझे की धार ब्लेड जैसी खतरनाक होती है। मासूम फैजुद्दीन भी इसी मांझे का शिकार हो गया। घटना त्रिपालिया बाजार में हुई रविवार शाम 5 बजे हुई। ईदगाह स्थित रहीमन कॉलोनी का रहने वाला फैजुद्दीन अपने अब्बू अजीजुद्दीन के साथ बाइक पर बैठकर मौसी के घर जा रहा था। बाइक पर उसकी अम्मी फरहा और भाई अजमत भी बैठे थे। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, चाइनीज मांझा बच्चे का गला काट चुका था। इस हादसे में अजीजुद्दीन की जैकेट भी कट गई। घटना के बाद बच्चे को फौर ऑटो से एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
घटना त्रिपालिया बाजार में हुई रविवार शाम 5 बजे हुई। ईदगाह स्थित रहीमन कॉलोनी का रहने वाला फैजुद्दीन अपने अब्बू अजीजुद्दीन के साथ बाइक पर बैठकर मौसी के घर जा रहा था। बाइक पर उसकी अम्मी फरहा और भाई अजमत भी बैठे थे। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, चाइनीज मांझा बच्चे का गला काट चुका था। इस हादसे में अजीजुद्दीन की जैकेट भी कट गई। घटना के बाद बच्चे को फौर ऑटो से एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
चाइनीज मांझे से गला कटने के पहले भी मामले सामने आते रहे हैं। दरअसल, एक समय था जब बरेली का मांझा लोगों की पहली पसंद हुआ करता था। यह अलग-अलग रंगों में बारीक कांच लगाकर बनाया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे उसकी जगह चाइनीज मांझे ने ले ली।(फाइल फोटो)
बेशक चाइनीज मांझा सस्ता और मजबूत है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है। यह मांझा प्लास्टिक से बना होता है। इस पर लोहे का बुरादा चढ़ाया जाता है। अगर यह बिजली के तारों के संपर्क में आ जाए, तो करंट लगने का खतरा भी होता है। इससे पक्षियों की भी मौतें सामने आई हैं।
उल्लेखनीय है कि चाइनीज मांझे पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस मांझे को बेचना संगीन अपराध है। एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 की धारा 5 के अंतर्गत इस के इस्तेमाल पर 5 साल की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
प्रतिबंधित चाइनीज मांझा चोरी-छुपे एक से दूससे शहरों तक पहुंचाता है। अब कहीं शहरों में चाइनीज नायलॉन के धागे पर भी मांझा तैयार करना आसान हो गया है। हालांकि प्रशासन लगातार इसके खिलाफ एक्शन लेता है।