शहीद की बेटी कविता ने कहा कि उसके शहीद पिता परिवार से ज्यादा देश की सेवा को महत्व देते थे। लेकिन, उनकी शहादत के बाद 6 दिन तक जयपुर में रहने पर भी सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी सुध लेने नहीं आया। ये तक नहीं बताया गया कि पिता की पार्थिव देह कब आएगी। (शहीद को सैल्यूट कर विदाई देती पत्नी, बेटी और बेटा)