बच्चों की ये 6 बातें सुनकर मां-बाप के निकल आते हैं आंसू, जानें जनरेशन गैप को कैसे करें कम

रिलेशनशिप डेस्क. माता-पिता बच्चों को बड़े नाजों से पालते हैं। लेकिन कभी-कभी उनका प्यार भी बच्चों के लिए कम पड़ जाता है। वो अपनी नासमझी में अपने जन्मदाता को कुछ ऐसा कह जाते हैं जिससे उन्हें बाद में खुद बहुत तकलीफ होती है। वहीं उनकी बातों को सुनकर पैरेंट्स की आंखों में आंसू निकल आते हैं। लेकिन बच्चों की बातों को दिल पर लगाने की बजाय माता-पिता को यह सोचना होगा कि वो उन्हें कैसे सही रास्ते पर लाए। जनरेशन गैप को कैसे कम करें। आइए नीचे की स्लाइड्स में बताते हैं बच्चों की वो 6 बातें जो आए दिन अपने पैरेंट्स को बोलकर दुखी करते हैं...

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2022 6:52 AM IST / Updated: Jul 27 2022, 12:25 PM IST
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बच्चों की ये 6 बातें सुनकर मां-बाप के निकल आते हैं आंसू, जानें जनरेशन गैप को कैसे करें कम

मैं खुद लूंगा अपना फैसला
आज के दौर में बच्चे कम उम्र में ही बहुत कुछ सोचने और समझने लगते हैं। तकनीक उनपर इतना हावी हो जाता है कि वो माता-पिता की राय को अहमियत नहीं देते हैं। वो अपनी जिंदगी अपने मुताबिक जीते हैं। इस अवस्था में माता-पिता को उन्हें तब तक नहीं छेड़ना चाहिए जब तक कि वो कुछ गलत ना कर रहे हो। नहीं तो दूरियां और बढ़ जाती है। (फोटो क्रेडिट:https://www.freepik.com)

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ये मेरी लाइफ है 
आज के बच्चे हर बात पर अपने माता-पिता को यही बोलते हैं कि ये मेरी जिंदगी है। उन्हें पैरेंट्स की दखलअंदाजी पसंद नहीं होती है। वैसे में माता-पिता को उसपर गुस्सा होने की बजाय  उससे प्यार से बात करना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि बच्चा की मनोस्थिति में ये बात बोल रहा है। अगर वो कुछ जायज बात कर रहा है तो उसे अपना सफर खुद चुनने दे या फिर अगर वो गलत रास्ते की तरफ बढ़ रहा है तो प्यार से बात करें। कही बाहर उसके साथ घूमने जाए और मौका निकालकर उसे अच्छे और बुरे का फर्क समझाए। 

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इस परिवार में पैदा नहीं होना चाहिए था
कई बार बच्चे गुस्से में अपने पैरेंट्स को ये बात बोल देत हैं। जिससे वो काफी दुखी हो जाते हैं। लेकिन वक्त है ऐसी बातों को दिल पर नहीं लगाना। बच्चों को सही और गलत का फर्क पता नहीं होता है इसलिए वो ये बोल देते हैं। हालांकि बाद में उन्हें गलती का एहसास होता है।

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आप क्या जानों आप तो पुराने ख्यालत के हो

हर जेनरेशन के बच्चे अपने माता-पिता को यह बात जरूर बोलते हैं कि आप क्या जानों आप पुराने ख्यालात के हो। हमारे जेनरेशन की बातें आपको समझ नहीं आएंगी। कई मायनों में यह सही होता है। इसलिए जेनरेशन गैप को कम करने की दिशा में माता-पिता को सोचना चाहिए। बच्चों से बात करना और उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि गैप कम हो सकें. 

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आप कहां प्यार करते हैं, दोस्त के पैरेंट्स ज्यादा अच्छे हैं
अक्सर बच्चे अपनी माता-पिता की तुलना दोस्तों के पैरेंट्स से करते हैं। उन्हें लगता है कि उनके माता-पिता ज्यादा अच्छे हैं। वो उनकी डिमांड को पूरी करते हैं। लेकिन मेरे माता-पिता ऐसे नहीं हैं। ये बात उनके मन में घर कर जाती है और अक्सर वो इसे लेकर गुस्सा भी जाहिर करते हैं। 

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