ब्रह्मा जी से वरदान पाकर रावण अत्यंत बलशाली और मायावी हो गया था। उसके 10 सिर और 20 भुजाएं थीं। उसने कई लोकों में अनेक राजाओं, ग्रहों, यक्षों, गंधर्वों को पराजित किया था। समस्त देव-दानव उससे भयभीत रहते थे। हालांकि, रावण को कई महायोद्धाओं से मुंह की खानी पड़ी थी। इनमें राम की सेना के प्रमुख सुग्रीव के भाई बालि भी शामिल हैं।