गीता-बबीता ही नहीं फोगाट परिवार की ये बेटी भी हैं दंगल गर्ल, पहलवानी में बड़े-बड़ों को किया है चित

Published : May 12, 2021, 11:25 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : दंगल गर्ल के नाम से मशहूर गीता-बबीता फोगाट भारत का नाम रोशन करने वाले महिला पहलवान हैं। सिर्फ इन दोनों बहनों ने ही नहीं बल्कि इनकी बहनों ने भी पहलवानी में अपना लोहा मनवाया हैं। जी हां,  गीता-बबीता की बहन रितू और संगीता भी अंतराष्ट्रीय पहलवान हैं। वहीं, उनकी कजन सिस्टर्स विनेश और प्रियंका फोगाट भी पहलवानी करती हैं। प्रियंका ने एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। 12 मई को प्रियंका (Priyanka Phogat) अपना 28वां जन्मदिन मना रही हैं। आज उनके जन्मदिन पर हम आपको मिलवाते हैं एक और फोगाट सिस्टर (Phogat Sisters) प्रियंका से...

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गीता-बबीता ही नहीं फोगाट परिवार की ये बेटी भी हैं दंगल गर्ल, पहलवानी में बड़े-बड़ों को किया है चित

कौन हैं प्रियंका फोगाट 
12 मई 1993 को हरियाणा के बलाली गांव में जन्मीं प्रियंका फोगाट, इंटरनेशनल पहलवान गीता फोगाट की चचेरी बहन हैं। जो 55 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए महिला पहलवानी करती हैं।

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पिता की मौत के बाद चाचा ने दी ट्रेनिंग
महावीर सिंग फोगाट ने अपने भाई की हत्या होने के बाद अपनी भतीजी प्रियंका और विनेश की परवरिश की और उन्हें पहलवानी के गुर सिखाएं। दोनों ही बहनें आज पहलवानी में अपना लोहा मनवा रही हैं।

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2016 में जीता ब्रॉन्ज मेडल
प्रियंका फोगाट ने 2016 में बैंकॉक में हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम की प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। वहीं, उनकी बहन विनेश फोगाट ने कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीता था।

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रेसलिंग में बजता है फोगाट सिस्टर्स का डंका
हरियाणा के छोटे से बलाली गांव से निकलकर फोगाट परिवार की इन बेटियों के खूब नाम कमाया और अपने पिता के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया। गीता फोगाट कुश्ती में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। बबीता फोगाट ने महिला कुश्ती में 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। वहीं, विनेश फोगाट ने भी महिला कुश्ती में 2014 गोल्ड मेडल विजेता। रितु, प्रियंका और संगीता फोगाट भी रेसलिंग में देश का नाम ऊंचा कर रही हैं। 

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कभी बेटियों को कुश्ती सिखाने के लिए नहीं थे पैसे
महावीर सिंह फोगाट के पास कभी बेटियों को कुश्ती सिखाने के पैसे नहीं थे। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी। आज पूरा गांव उनका सम्मान करता है और उनकी कुर्बानी की मिसाल देता है।

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घर में बनाया है रेसलिंग हॉल
6 बहनों को कुश्ती सिखाने के लिए महावीर सिंह ने घर में ही रेसलिंग हॉल बना लिया था। अब वह यहां अन्य लड़कियों को भी कुश्ती के दांव पेंच सिखाते हैं। इस रेसलिंग हॉल में हर तरह की सुविधा मौजूद है।
 

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