3 हजार में पानी की बोतल-7 हजार में एक प्लेट चावल...इस देश में ऐसी महंगाई की एक तिहाई लोग भूख से मर रहे

काबुल. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की स्थिति खराब होती जा रही है। वहां पहले से ही कई जगहों पर भूखमरी की हाल था। अब स्थिति ये है कि पानी की बोतल और चावल भी बहुत ज्यादा महंगे हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर पानी की एक बोतल की कीमत 40 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 3 हजार रुपए हैं। वहीं चावल की एक प्लेट के लिए 100 अमेरिकी डॉलर यानी सात हजार रुपए देने पड़ रहे हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2021 10:04 AM IST / Updated: Aug 26 2021, 03:59 PM IST
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3 हजार में पानी की बोतल-7 हजार में एक प्लेट चावल...इस देश में ऐसी महंगाई की एक तिहाई लोग भूख से मर रहे

डालर देने पर ही मिल रहा खाने का सामान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर उन्हीं को खाने और पीने का सामान मिल रहा है जिनके पास अमेरिकी करेंसी है। काबुल एयरपोर्ट के बाहर अब भी 50 हजार से ज्यादा लोग इस इंतजार में है कोई तो आएगा उन्हें देश से एयरलिफ्ट करने के लिए।

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अफगान की मुद्रा को AFN यानी अफगान अफगानी कहा जाता है। 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 86 अफगान अफगानी के बराबर है। 1 भारतीय रुपए की कीमत 1.16 AFN है।

 

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एक तिहाई से अधिक भूख से मर रहे हैं 
इस साल अफगानिस्तान में अधिकांश हिस्सों में भयंकर सूखे और खाने की कमी रही। जून में यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 14 मिलियन लोग भूख से पीड़ित है। ये कुल आबादी का एक तिहाई से अधिक हैं।

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पानी और कचरे में खड़े है लोग
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर कई लोग घुटने तक पानी और कचरे में खड़े हैं। लोग एयरपोर्ट की कटीले दीवार पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। 

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कितने लोगों ने अफगानिस्तान छोड़ा?
इसकी कोई सटीक संख्या अभी सामने नहीं आई है। हालांकि ये आंकड़ा है कि किस देश ने कितने नागरिकों को एयरलिफ्ट किया। जैसे-  बुधवार को अमेरिका ने कहा कि उसने 14 अगस्त के बाद से काबुल एयरपोर्ट से 80,000 से अधिक लोगों को निकाला है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने अफगान नागरिक थे।

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ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसने उन लोगों में से 10 हजार से अधिक लोगों को निकाला है। उनमें से 6000 से अधिक अफगान नागरिक थे। 

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जर्मन सरकार का कहना है कि काबुल से 4500 लोगों को निकाला। उनमें से लगभग 3,700 अफगानी थे। कुछ स्थानीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। इनमें लगभग आधी संख्या में महिलाएं और लड़कियां थीं।

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