"जो बच गए, उनकी जिंदगी मौत से बदतर हो गई थी"
भोपाल में एक जगह है जेपी नगर। वहां रहने वाली मुमताज बी के पति मोहम्मद सईद उस जहरीली गैस की जद में आ गए थे। मौत वाली उस रात को मोहम्मद सईद की किस्मत बुलंद थी, जो बच गए। लेकिन ऐसा बचना भी क्या बचना कि आगे की जिंदगी तड़पते हुए बीती। आए दिन बीमार हो जाना। ठीक से सांस न ले पाना। नतीजा हुआ कि साल 2018 में उनकी मौत हो गई। मुमताब बी बताती है कि मेरे पति की जिंदगी तो बच गई, लेकिन वे आए दिन बीमार रहते थे। दवा कराकर हार चुके थे। उनके फेफड़े बुरी तरह प्रभावित हुए थे।