मिस्र की ममी के रहस्यों का पता लगाने का अनोखा तरीका, इटली के हॉस्पिटल में किया गया सीटी स्कैन

रोम. मिस्त्र की ममी का क्या रहस्य है? उसके अंदर क्या है? सीटी स्कैन के जरिए इस बात का पता लगाने की कोशिश की गई। इटली में एक हॉस्पिटल ने ये प्रयोग किया गया। मिस्र के एक प्राचीन पुजारी अंखेखोंसु की ममी को बर्गामो के सिविक पुरातत्व संग्रहालय से मिलान के पोलीक्लिनिको हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां एक्सपर्ट्स लगभग 3,000 साल पहले के उनके जीवन और दफनाने के रीति-रिवाजों के बारे में पता लगाएंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2021 11:21 AM IST
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मिस्र की ममी के रहस्यों का पता लगाने का अनोखा तरीका, इटली के हॉस्पिटल में किया गया सीटी स्कैन

ममी प्रोजेक्ट रिसर्च की डायरेक्टर सबीना मालगोरा ने कहा, ममी एक बायोलॉजिकल म्यूजियम हैं। वह एक टाइम कैप्सूल की तरह हैं।

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मालगोरा ने कहा कि ममी के नाम की जानकारी 900 और 800 ईसा पूर्व के ताबूत से मिलती है, जहां अंखेखोंसु पांच बार लिखा गया है। इसका मतलब है कि भगवान खोंसू जीवित हैं। 

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शोधकर्ताओं का कहना है कि वे मिस्र के पुजारी के जिंदगी और मृत्यु के बारे में पता कर सकते हैं और समझ सकते हैं कि शरीर को ममी बनाने के लिए किस तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया गया था। 
 

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सबीना मालगोरा ने कहा, मॉर्डन मेडिकल रिसर्च में प्राचीन बीमारियों और घावों का अध्ययन महत्वपूर्ण है। हम पहले के कैंसर का अध्ययन कर सकते हैं। यह मॉर्डन रिसर्च के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। 

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संरक्षित शवों को ममी कहते हैं। इन शवों को कई सालों तक बिना खराब हुए रखा जा सकता है। शवों के अंगों पर खास रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे ये खराब नहीं होते हैं।

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