वालंटियर्स को हजारों लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त सामान खरीदना पड़ता था। लेकिन सुपरमार्केट में खरीदारी की सीमाएं थी। उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए परमिट की जरूत पड़ती थी।
उन्होंने कहा, लोग सोचते थे कि मुफ्त भोजन जैसी कोई चीज नहीं होती, लेकिन यह गलत साबित हुआ है।
SVA को साल 2020 के मानवाधिकार पुरस्कार मिले थे। संगठन क्रैनबोर्न वेस्ट के मेलबर्न में अपनी विशेष रसोई बना रहा है, जो खाना पकाने की क्षमता को चौगुना कर देगा। यहां 15 स्टोव बर्नर और बड़े फ्रिज रहेंगे। जसविंदर सिंह ने कहा कि हम एक दिन में लगभग 6000 लोगों का खाना बना सकते हैं।