सड़क पर बना खाना-टेंट में जिम, देखें किसान आंदोलन की कभी ना भूलने वाली 10 Photos

नई दिल्ली. पीएम मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को वापस लेने का फैसला किया है। 18 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि हम किसानों को नए कृषि कानून (Agricultural Law) को नहीं समझा सके। भारत की संसद (Parliament of India) ने सितंबर 2020 को नए कृषि कानून को पारित किया था। इसके बाद से ही केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध दिखाई देने लगा था। करीब एक साल तक नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने वाले किसानों ने दिल्ली और उसके आसपास प्रदर्शन किए। तस्वीरों में देखिए किसानों ने एक साल तक कैसे किया नए कृषि कानूनों का विरोध... 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2021 4:30 AM IST / Updated: Nov 19 2021, 12:03 PM IST

110
सड़क पर बना खाना-टेंट में जिम, देखें किसान आंदोलन की कभी ना भूलने वाली 10 Photos

तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली से दूसरे राज्यों के बॉर्डर पर सड़क पर ही डेरा डाल दिया था। कैंप लगाए गए। ट्रैक्टर में ही घर बनाए गए। 25 सितंबर 2020 को पूरे भारत में कृषि संगठनों ने तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया। सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखा गया।  कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल और अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन हुए। 

210

विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर ही सैकड़ों किसानों के लिए खाना बनता था। हर दिन सुबह-शाम बड़ी-बड़ी कढ़ाहियां चढ़ती थीं। किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से पंजाब में दो महीने से अधिक समय तक रेलवे सेवाएं निलंबित रहीं। इसके बाद कई राज्यों के किसानों ने कानूनों के विरोध में दिल्ली तक मार्च किया। 12 दिसंबर को किसान संगठनों ने हरियाणा में टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया।

310

विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर दूर-दूर तक टेंट लगाए गए थे। साल भर किसान हर मौसम में उन्हीं टेंट में रहे। इसी दौरान 24 सितंबर 2020 को किसानों ने रेल रोको अभियान शुरू किया, जिसके बाद पंजाब से आने-जाने वाली ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। किसानों ने अभियान को अक्टूबर तक बढ़ा दिया। कुछ किसान संघों ने अभियान को बंद करने का फैसला किया।

410

शुरू में तो किसान अकेले आए थे, लेकिन जब लगा कि संघर्ष लंबा चलेगा तो वे 6-6 महीनों का राशन लेकर विरोध प्रदर्शन वाले स्थल पर आए। 25 नवंबर 2020 को दिल्ली चलो अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार की। सड़कों पर बैरिकेड्स लगाए।

510

किसान आंदोलन के दौरान दुनिया ने उनकी एकता की तस्वीर देखी। उन्होंने साबित कर दिया कि अनुशासित होकर कैसे एक साल तक आंदोलन किया जा सकता है। वे मिलकर बड़े से तावे पर रोटियां बनाते थे। साथ में खाना खाते थे। 28 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच दिल्ली और उससे सटे बॉर्डर को रोकने वाले किसानों की संख्या 150 से 300 हजार आंकी गई थी। किसानों ने कुंडली बॉर्डर, टिकरी, सिंघू, कालिंदी कुंज, चिल्ला, बहादुरगढ़ बॉर्डर और फरीदाबाद में विरोध प्रदर्शन किया।

610

दिल्ली से बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान कई संगठनों ने लंगर चलाकर किसानों को खाना भी खिलाया। वहीं किसान आंदोलन के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया, जब कुछ किसान संगठनों ने सरकार की तारीफ की। 14 दिसंबर 2020 को 10 किसान संगठनों के एक समूह ने तीन कृषि कानूनों में जरूती बदलाव करने के अपने निर्णय पर केंद्र सरकार को अपना समर्थन दिया। अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के बैनर तले, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों के किसानों के समूह ने नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक के बाद अपना समर्थन दिया। 

710

26 जनवरी को नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों के एक बड़े काफिले के साथ परेड की और दिल्ली पहुंचे। किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ ही घोड़ों पर, पैदल दिल्ली पहुंचे।

810

26 जनवरी के दिन दिल्ली से लेकर सिंघू बॉर्डर तक करीब 7000 ट्रैक्टर मौजूद थे। रॉयटर्स ने किसान संगठनों का हवाला देते हुए बताया था कि करीब 200000 ट्रैक्टरों ने भाग लिया था। 

910

26 जनवरी को किसानों के कुछ समूह ने दिल्ली के लाल किले में एंटर किया। किसानों ने किले के अंदर भी तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान 30 से अधिक पुलिस की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं। दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को घंटों के लिए बंद कर दिया गया।

1010

तीनों कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान बुजुर्गों के साथ युवा किसान भी थे। उन्होंने कैंप में ही खाने के अलावा जिम की व्यवस्था की थी। टेंट के अंदर और बाहर ही वे एक्सरसाइज करते थे। 

ये भी पढ़ें...

साधारण नहीं, एक पुलिसवाली है ये लड़की, इसे लेकर ऑफिस में ऐसी अफवाह उड़ी कि करना पड़ा सस्पेंड

कुत्ते के पिंजरे में बंद थी 6 साल की बच्ची, मुंह पर लगा था टेप, बहन ने बताई दर्दनाक मौत की पूरी कहानी

एक झटके में खत्म हुआ पूरा परिवार: पहले ब्लास्ट फिर अंधाधुंध गोलियां, गाड़ी में थे कर्नल उनकी पत्नी और बच्चा

कोरोना के बाद फैल सकती है एक और महामारी, चीन के बाजारों में मिले 18 हाई रिस्क वाले वायरस

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos