राम मंदिर के नींव की ऐसे हो रही खुदाई, 5 लेयर हुईं तैयार, घर-घर भेजी जाएगी मिट्टी..जानिए कब तक पूरा होगा काम

अयोध्या (Uttar Pradesh ) । ताउते और यास तूफान के कारण हुई बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से बंद राम मंदिर निर्माण के लिए नींव खुदाई सोमवार से शुरू हो गई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक इस साल अक्टूबर में मंदिर की नींव का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया, 'राम मंदिर का निर्माण कार्य 24 घंटे जारी है। यह 12-12 घंटे की दो पालियों में हो रहा है। नींव की 5 लेयर तैयार हो चुकी हैं। कुल 44 लेयर बनाई जानी हैं। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर नींव की खुदाई से निकली मिट्टी को राम मंदिर की धरोहर का रूप देकर इसे घर-घर पहुंचाने की योजना पर भी काम शुरू किया गया।

Asianet News Hindi | Published : Jun 1, 2021 9:26 AM IST

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राम मंदिर के नींव की ऐसे हो रही खुदाई, 5 लेयर हुईं तैयार, घर-घर भेजी जाएगी मिट्टी..जानिए कब तक पूरा होगा काम

राममंदिर की नींव कुल 44 लेयर में भरी जानी है। लेयर निर्माण का कार्य 24 घंटे चल रहा है। इसके लिए 12-12 घंटों के दो शिफ्टों में 50 से अधिक मजदूर व इंजीनियरों की ड्यूटी लगाई गई है। बारिश के चलते बीते दिनों कुछ काम प्रभावित हुआ था। अक्तूबर के अंत तक नींव भराई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
 

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राममंदिर निर्माण की प्रगति की वास्तविक स्थिति साझा करते हुए बताया कि राममंदिर की नींव भराई के लिए लेयर निर्माण का काम तेज कर दिया गया है। 50 फीट गहराई से एक लाख 20 हजार घनफीट मलबा निकाला जा चुका है। अब इस गहरे गड्ढे को भरने का काम हो रहा है। दो शिफ्टों में दिन रात काम चल रहा है। 

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक 400 फीट लंबाई और 300 फीट चौड़ाई क्षेत्र (1.20 लाख वर्ग फीट) में नींव बन रही है। इसमें 44 लेयर बनाई जानी हैं। लेयर 12 इंच मोटाई में बिछाई जाती है। रोलर चलाने पर यह 2 इंच दबकर 10 इंच रह जाती है। इसके बाद दूसरी लेयर बिछाते हैं।
 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए समुद्र तल से 105 मीटर ऊपर की भूमि पर पूजन किया था। अब इस भूमि से मलबा हटा दिया गया। समतलीकरण के बाद यह जमीन अब समुद्र तल से 93 मीटर ऊपर है।
 

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चंपत राय ने बताया कि राममंदिर परिसर को चौरस बनाने के लिए आवश्यक जमीन खरीदी जा रही है। परकोटा निर्माण में आ रही वास्तु दोष की बाधा का निवारण किया जा रहा है। मंदिर परिसर के चारों तरफ परकोटा का निर्माण होना है। परकोटे को सीधे करने के लिए ट्रस्ट ने कौशल्या भवन व फकीरे राम मंदिर का बैनामा सहमति के आधार पर करा लिया है। 
 

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