राम मंदिर निर्माण के लिए 54 बार भू-समाधि और 17 बार ली थी जल समाधि,29 साल की तपस्या का अब मिला ये फल

अमेठी ( Uttar Pradesh) ।  सागरा आश्रम पीठाधीश्वर अभय चैतन्य मौनी महाराज के पिछले 29 साल के जप-तप का फल मिल गया। अब वे 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन के साक्षी बनेंगे। बता दें कि अभय चैतन्य मौनी महाराज ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के सिए 29 साल से तपस्या कर रहे थे। वे इस दौरान 1,488 किलोमीटर लेटकर परिक्रमा कर चुके हैं और 55 बार भू-समाधि ले चुके हैं। इतना ही नहीं 17 बार जल समाधि ली है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2020 11:29 AM IST

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राम मंदिर निर्माण के लिए 54 बार भू-समाधि और 17 बार ली थी जल समाधि,29 साल की तपस्या का अब मिला ये फल


सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होगा। इसमें शामिल होने के लिए अमेठी के मौनी महाराज एक अगस्त से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रहेंगे। 

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मौनी महाराज भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए हर साल सावन माह में कई लाख दीप जलाकर प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण की भगवान महाकाल से प्रार्थना करते हैं।
 

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अभय चैतन्य मौनी महाराज ने कहा कि मैंने पिछले 29 साल से अब तक 1,488 किलोमीटर लेटकर परिक्रमा की है। अमेठी के सागरा आश्रम से काशी और अयोध्या तक पद यात्रा कर चुके हैं। 

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अब तक काशी, अयोध्या समेत देश के विभिन्न हिस्सों में 3 करोड़ 88 लाख दीपक रामलला के लिए आश्रम समेत कई स्थलों पर जलाएं गए हैं। 
 

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अभय चैतन्य मौनी महाराज ने कहा कि 5 वर्ष पूर्व उन्होंने 84 कोसी परिक्रमा व प्रभु के दर्शन के लिए तमाम शारीरिक मानसिक यातनाएं भी सही। साथ ही कई दिनों तक धरना प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं। लेकिन, ये सारे कष्ट अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के सामने कुछ नहीं है।

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