ये हैं देश की सबसे बड़ी पॉलिटिकल फैमिली की बहू, 10वीं क्लास में ही बॉडी देख दे बैठीं थीं दिल

Published : Feb 11, 2020, 09:35 AM ISTUpdated : Feb 11, 2020, 09:41 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh). देश की सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी समाजवादी पार्टी की फैमिली की बहू अपर्णा यादव हाल ही में नागरिकता कानून के समर्थन को लेकर काफी चर्चा में रहीं। उन्होंने कई मंच से इस कानून का समर्थन किया। जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस कानून का विरोध कर रहे हैं। बता दें, अपर्णा मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे और अखिलेश के भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे है। इस मौके पर प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार करते हैं। आपको बता दें, अपर्णा और प्रतीक की लव स्टोरी भी काफी इंटरेस्टिंग है। दोनों हाईस्कूल में ही एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। आज हम आपको इनकी लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं।  

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ये हैं देश की सबसे बड़ी पॉलिटिकल फैमिली की बहू, 10वीं क्लास में ही बॉडी देख दे बैठीं थीं दिल
अपर्णा यादव ने ब्रिटेन के एक न्यूज पेपर से बातचीत में कहा था, 10वीं क्लास में ही वो प्रतीक को दिल दे बैठी थीं। उन्होंने कहा था, हम 8 साल से दोस्त हैं। इसलिए आप हमें हाईस्‍कूल स्वीटहार्ट्स भी कह सकते हैं।
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अपर्णा ट्रेंड क्लासिकल सिंगर हैं। वो पहले सैफई और लखनऊ महोत्सव में गाना गा चुकी हैं। इसी दौरान प्रतीक और अपर्णा की मुलाकात हुई थी।
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प्रतीक बॉडी बिल्डर हुआ करते थे। उनके दोस्त बताते हैं, अपर्णा प्रतीक की इसी बॉडी से इंप्रेस हुई थीं।
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8 साल की दोस्‍ती के बाद सितंबर 2010 में दोनों की सगाई हुई और नवंबर 2011 में शादी। शादी में अमिताभ-जया बच्चन और अनिल अंबानी समेत कई सेलेब्‍स शामिल हुए थे। वर्तमान में दोनों की एक बेटी प्रथमा है।
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अपर्णा ने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में मास्टर डिग्री और प्रतीक ने लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की डिग्री ली है।
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अपर्णा जहां गाने की शौकीन हैं, तो प्रतीक यादव रियल एस्टेट के बिजनेस के साथ बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते हैं। 2012 में इन्हें एक इंटरनेशनल बॉडी बिल्डिंग वेबसाइट ने ‘द इंटरनेशनल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ द मंथ’ के टाइटल से नवाजा था।
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पत्रकार अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी अपर्णा बी-अवेयर नाम की सामाजिक संस्‍थान भी चलाती हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने इन्हें लखनऊ के कैंट एरिया से टिकट दिया था। मुलायम तक ने इनका प्रचार किया था। लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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