इसे कहते हैं प्यार: साथी के लिए 15 साल तक किया इंतजार, लड़की हो गई दिव्यांग फिर भी नहीं छोड़ा साथ

मुरादाबाद (Uttar Pradesh). फरवरी को प्यार का मौसम का कहा जाता है। क्योंकि इस महीने में एक खास दिन होता है 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे। इस दिन प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे कपल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने एक होने के लिए 2-4 नहीं बल्कि 15 साल तक एक दूसरे का इंतजार किया।

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2020 8:32 AM IST / Updated: Feb 10 2020, 02:08 PM IST

15
इसे कहते हैं प्यार: साथी के लिए 15 साल तक किया इंतजार, लड़की हो गई दिव्यांग फिर भी नहीं छोड़ा साथ
यूपी के मुरादाबाद के रहने वाले संजीव कुमार सक्सेना और उनकी पत्नी आशा की लव स्टोरी काफी इंटरेस्टिंग हैं। संजीव पेशे से फोटोग्राफर हैं।
25
वो कहते हैं, आशा से मेरा रिश्ता साल 2002 में तय हुआ था। उसी दौरान पिता की तबीयत अचानक खराब हो गई। जिसके बाद रिश्ते को कुछ दिन के लिए टाल दिया गया। पिता की तबीयत में काफी पैसे खर्च हुए। उनकी तबीयत सुधरने और घर की माली हालत ठीक होन में करीब 3 साल लग गए।
35
वो कहते हैं, साल 2005 में मैं आशा के घर वापस रिश्ते के लिए गया। वहां देखा तो आशा की तबीयत काफी खराब थी, वो चल फिर भी नहीं सकती थी। वहीं, मैंने तय किया कि शादी के लिए आशा के ठीक होने तक का इंतजार करूंगा।
45
संजीव कहते है, काफी साल बीत गए, लेकिन आशा की हालत नहीं सुधरी। आखिर में फरवरी, 2017 में मैंने दिव्यांग आशा से शादी कर ली।
55
शादी को यादगार बनाने के लिए कपल ने स्टेज पर ही अपना शरीर दान करने का फैसला किया। दोनों ने अपने शरीर को मुरादाबाद की टीएमयू यूनिवर्सटी (मेडिकल कालेज) को दान कर दिया। संजीव कहते हैं, हमारे इस कदम से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले तमाम छात्रों को प्रैक्टिकल में मदद मिल सकेगी। कपल के इस फैसले से उनकी चर्चा दूर दूर तक होने लगी। सभी ने कपल के इस कदम की तारीफ की।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos