मंदिर के ड्राइवर प्रकाश के मुताबिक संन्यासी बनने के चार साल बाद नाथ पंथ की परम्परा के अनुसार योगी आदित्यनाथ अपने घर भिक्षा मांगने गए। उनके साथ दिग्विजयनाथ पीजी कालेज के तत्कालीन प्राचार्य कुंवर नरेन्द्र प्रताप सिंह, मां पाटेश्वरी देवी देवीपाटन मंदिर के महंत महेन्द्रनाथ और गोरखनाथ मंदिर के ड्राइवर प्रकाश भी थे।