माफ करने के मूड में नहीं हैं CM योगी, ऐसी गलती पर सरकार जो करेगी सोच नहीं सकते

लखनऊ(Uttar Pradesh ).  लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के साथ ही यूपी की योगी सरकार ने इसमें और सख्ती करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेसाफ़ शब्दों में हिदायत दी है कि आपदा में कोई समाज विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक तरफ जहां सीएम योगी ने तब्लीगी जमातियों को ढूंढकर निकालने के निर्देश दिए हैं वहीं दूसरी ओर घटतौली और जमाखोरी करने वालों पर भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए अधिकारियों से कहा है।
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2020 6:42 AM IST

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माफ करने के मूड में नहीं हैं CM योगी, ऐसी गलती पर सरकार जो करेगी सोच नहीं सकते
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर सभी जिलों के पुलिस-प्रशासन, स्वास्थ्य व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की । इस  दौरान सीएम योगी लॉकडाउन-2 के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लागू किया गया 21 दिन का लॉकडाउन मंगलवार रात्रि को समाप्त हो रहा था, लेकिन अच्छे परिणामों को देखते हुए इसे तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। 
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने ढंग से लागू करने, शारीरिक दूरी पर लगातार फोकस करने व चिन्हित हॉटस्पॉट को सील कर वहां आवश्यक प्रबंध के निर्देश भी दिए। सीएम ने इन क्षेत्रों में मेडिकल टीम को सतर्क करते हुए मैक्रो प्लानिंग करने के भी निर्देश दिए। 
 
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुधवार से खाद्यान्न वितरण का द्वितीय चरण शुरू हो रहा है। घटतौली और जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई करें। ऐसे लोगों पर एनएसए और गैंगस्टर लगाया जाए। 
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सीएम योगी ने सभी जिलों में अवैध और जहरीली शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया । दूसरी ओर शराब तस्करी, अवैध और जहरीली शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ भी एनएसए और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह आपदा का समय है। ऐसे में समाज विरोधी गतिविधियां किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
 
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज के गरीब तबकों, श्रमिकों आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा धनराशि दे दी गई है। बैंकों में भीड़ न लगे। शारीरिक दूरी हर हाल में बनी रहे। साथ ही लोगों को धनराशि डाकिए और बैंकिंग प्रतिनिधियों के माध्यम से वितरित कराने पर विचार किया जाए।
 
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