शामली (Uttar Pradesh) । कोरोना काल में ना जाने कितनी जिंदगियां तबाह हो गई। लेकिन, इस वायरस ने लिसाढ गांव में एक हंसते-खेलते परिवार को गमों के समंदर में डूबो गया। जी हां यहां एक परिवार में अब सबसे बड़ा सदस्य 13 साल का लड़का बचा है, जिसके समझ में नहीं आ रहा आखिर वो करें तो क्या करें। जिसे देख गांव के लोगों की भी आंखें नम हो जाती हैं। हालांकि शासन ने कोरोना के कारण परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने या माता-पिता दोनों की मृत्यु पर बच्चों को शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं देने के साथ ही नकद धनराशि देने की घोषणा की है।