3000 टन सोना मिलने के बाद अब मिली एक और बड़ी गुड न्यूज, 3 राज्यों के बॉर्डर पर हेलीकॉप्टर खोज स्टार्ट

सोनभद्र (Uttar Pradesh) । तीन हजार टन सोना मिलने की पुष्टि के बाद अब एक और बड़ी गुड न्यूज मिली है। देश के सबसे बड़े सोने की खदान के ब्लॉक में 90 टन एंडालुसाइट, 9 टन पोटाश, 18.87 टन लौह अयस्क और करीब 10 लाख सिलेमिनाइट के भंडार की भी खोज की गई है। अब केंद्रीय परमाणु ऊर्जा विभाग, दिल्ली की टीम ने हेलीकॉप्टर से एरो मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए कुदरी के अलावा सोनभद्र जिले से सटे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जंगलों और पहाड़ों में यूरेनियम की खोज कर रही है। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि कुदरी पहाड़ी क्षेत्र में करीब 100 टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद है। वहीं, बीएचयू के भूवैज्ञानिक डॉ. वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि एक किलो यूरेनियम से 24 मेगावॉट तक बिजली पैदा की जा सकती है। 
 

Ankur Shukla | Published : Feb 22, 2020 10:25 AM IST / Updated: Feb 22 2020, 04:10 PM IST
15
3000 टन सोना मिलने के बाद अब मिली एक और बड़ी गुड न्यूज, 3 राज्यों के बॉर्डर पर हेलीकॉप्टर खोज स्टार्ट
अब केंद्रीय परमाणु ऊर्जा विभाग दिल्ली, की टीम हेलीकॉप्टर से एरो मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए कुदरी के अलावा सोनभद्र जिले से सटे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जंगलों और पहाड़ों में यूरेनियम की खोज कर रही है।
25
हेलीकॉप्टर से एयरो मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए यूरेनियम की तलाश की जा रही है। वैसे इस पहाड़ी के अलावा सोनभद्र के सटे अन्य प्रदेशों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के जिलों में भी ये खोज चल रही है। फिलहाल भू वैज्ञानिकों को कुदरी पहाड़ी क्षेत्र पर 100 टन यूरेनियम होने का पता चला है।
35
अधिकारी ये पता लगा रहे हैं कि ये कितनी गहराई में है? उधर सोन पहाड़ी में सोने की खदान के बारे में पता चला है कि जहां खनन होना है, वह अधिकतर जमीन रिजर्व फॉरेस्ट में आती है। इस संबंध में अब जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। मामले में अब सरकार को ही फैसला लेना है।
45
आपको बता दें कि सोन पहाड़ी पर जो जमीन चिन्हित की गई है। वह एक किलोमीटर लंबी और 4 किलोमीटर चौड़ी है। वरिष्ठ खनन अधिकारी केके राय के अनुसार सोन पहाड़ी में जहां सोने का भंडार चिन्हित किया गया है।
55
वरिष्ठ खनन अधिकारी केके राय ने कहा कि जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। चूंकि अधिकतर जमीन रिजर्व फॉरेस्ट के तहत आती है, लिहाजा इस पर प्रदेश शासन स्तर ये ही निर्णय होगा। माना जा रहा है कि वन विभाग को इस भूमि के बदले कोई दूसरी जमीन दी जाएगी।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos