यह सब करीब 20 मिनट तक चला। हमलावरों को भी पता था कि दुर्गेश के मकान के आसपास ज्यादा रिहायशी इलाका नहीं है। उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। इस दौरान पलक ठाकुर उसे गालियां देती रही और रुपये वापस करने की मांग करती रही। पलक ठाकुर ने कहा कि प्यार से तुझे घर में बैठाया, अपने हाथों से खाना खिलाया। इसका यही अंजाम दिया है। लेकिन पिटाई के दौरान भी दुर्गेश ने एक बार भी रुपये वापस करने के लिए न तो हामी भरी और न ही रकम लेने की बात स्वीकार की।