कोरोनाकाल में लोगों के लिए ढ़ाल बना किसान का ये IPS बेटा, अपराध के खिलाफ भी ऐसे लड़ रहे जंग

बिजनौर(Uttar Pradesh).  वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से विश्व के लगभग सभी देश परेशान हैं। भारत में भी कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस महामारी के काल में सबसे अधिक जिम्मेदारी से कोई विभाग अगर कम कर रहा है तो वह है पुलिस और स्वास्थ्य विभाग। पुलिस विभाग पर कोरोना से लड़ने के साथ ही अपराधों पर अंकुश लगाने का भी एक्स्ट्रा प्रेशर है। आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने इस कोरोना काल में भी अपराधों पर अंकुश लगाने के साथ ही विवेचनाओं के निस्तारण में शानदार काम किया है। यूपी के बिजनौर के एसपी संजीव त्यागी की शानदार कार्यशैली की हर ओर सराहना हो रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 26, 2020 5:56 AM IST

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कोरोनाकाल में लोगों के लिए ढ़ाल बना किसान का ये IPS बेटा, अपराध के खिलाफ भी ऐसे लड़ रहे जंग

संजीव त्यागी मूलतः यूपी के गाजियाबाद के मोरटा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता ईश्वर चंद्र त्यागी एक मेहनतकश खेतिहर किसान थे। संजीव पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं ।संजीव के पिता ईश्वर चंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं। साल 2017 में उनकी मौत हो चुकी है। उन्होंने अपने पांचो बेटों को खूब पढ़ाया लिखाया। उनके पास जमीने काफी थी। वह इस जमीन में खेती करते थे। मेहनत कर वह इससे जो भी कमाते थे वह अपने बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर देते थे।

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उनकी ये मेहनत रंग भी लाई। साल 2010 में उनके बेटे संजीव का चयन IPS में हो गया। उनका सपना भी था कि उनके बेटे सिविल सर्विस में जाएं, संजीव के चयन के बाद मानो उनकी सारी मुराद पूरी हो गई। 2010 बैच के IPS अधिकारी संजीव ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान राजधानी लखनऊ में बतौर DSP तैनात रहे। उनकी तेजतर्रार कार्यशैली से सभी उनके कायल थे। अपराध को सुलझाने व अपराधियों तक सर्विलांस के जरिए पहुंचने में उन्हें महारत हासिल है।
 

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वर्तमान में संजीव बिजनौर के SP हैं। CAA के दौरान हुए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने काफी सूझबूझ का परिचय दिया था। बिजनौर में हिंसा जितनी विकराल रूप से भड़की थी संजीव ने अपनी समझ से उसे कंट्रोल करने में कामयाब रहे।

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कोरोना काल में भी IPS संजीव त्यागी ने शानदार काम करते हुए लॉकडाउन का तो पालन करवाया ही साथ ही अपराधियों पर भी अंकुश लगाया। जिले के एसपी संजीव त्यागी के बेहतरीन मैनेजमेंट से ये काम सफल हो पाया है।

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उनकी इसी मेहनत का फल है कि कोरोना के समय में भी उन्होंने जनपद में लंबित विवेचानाओं के निस्तारण में पूरे रेंज में अव्वल रहे हैं। बिजनौर पुलिस ने 50 फीसदी से अधिक लंबित विवेचनाओं का निस्तारण कर एक मिसाल पेश की है।
 

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