निर्भया के घर से सिर्फ 13 किमी दूर तैयार हुआ फांसी का फंदा, सजा के दिन ऐसे जश्न मनाएगा पूरा गांव

Published : Jan 25, 2020, 10:21 AM ISTUpdated : Jan 25, 2020, 10:42 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 1 फरवरी 2020 को फांसी मुकर्रर है। इस दिन सुबह 7 बजे चारों दोषी अपने गुनाहों की सजा भुगतेंगे। दिल्ली की तिहाड़ जेल में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दोषियों को तिहाड़ के अंदर हाई सिक्योरिटी सेल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इस बीच 12 जनवरी को दोषियों के डमी को फांसी देकर ट्रायल भी किया गया था। अब उसी फंदे से 1 फरवरी को दोषियों को फांसी दी जाएगी। 

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निर्भया के घर से सिर्फ 13 किमी दूर तैयार हुआ फांसी का फंदा, सजा के दिन ऐसे जश्न मनाएगा पूरा गांव
दरिंदों की फांसी के फंदे का निर्भया के गांव से भी गहरा संबंध है। आइए जानते हैं आखिर फांसी के इस फंदे के साथ तिहाड़ जेल में क्या कुछ तैयारियां चल रही हैं।
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फांसी के फंदे को कई तरीके से नरम किया जा रहा है और फिर उसे एक बक्से में रखा जाएगा। इसमें पके केलों का इस्तेमाल होता है। तिहाड़ प्रशासन ने फंदों को नरम रखने के लिए खासतौर पर पके केले मंगवाए थे।
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रविवार को तिहाड़ में निर्भया के दोषियों के डमी की फांसी की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इस प्रक्रिया को जल्लाद ने नहीं तिहाड़ के अधिकारियों ने अंजाम दिया।
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इसके बाद फंदे को नरम रखने के लिए तिहाड़ प्रशासन ने पके केले मंगाए हैं। सिर्फ केले ही नहीं दोषियों को जिन फंदों से फांसी होनी है उसे मक्खन में भी भिगो कर रखा जा रहा है।
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केले और मक्खन के प्रयोग से फंदा नरम हो जाएगा और गले में आसानी से फंसेगा जिससे फांसी की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। फंदों को नरम करने के बाद इन्हें स्टील के बक्से में सुरक्षित रख लिया जाएगा और फांसी वाले दिन निकाला जाएगा।
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फांसी से एक दिन पहले फंदों को और चिकना किया जाएगा ताकि फांसी की प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए और न ही फंदा टूटे।
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जेल सूत्रों के मुताबिक जब अधिकारी दोषियों के गले का नाप लेने पहुंचे तो चारों दहल गए और बुरी तरह रोने लगे। रोते-रोते उन्होंने जेल अधिकारियों से मिन्नतें भी कीं। उनका हाल इतना बुरा था कि काउंसलर की मदद से शांत कराना पड़ा ताकि वो कोई गलत कदम न उठा लें।
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निर्भया के साथ दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप किया गया था। उसके गांव में दरिंदों को लेकर जमकर गुस्सा है। इतना ही नहीं अब जब दरिंदों को फांसी होनी है तो फांसी का फंदा उसके गांव के पास ही बना है।
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उसके गांव से बक्सर सेंट्रल जेल की दूरी 13 किलोमीटर है। बक्सर सेंट्रल जेल में बने मनीला फंदे से ही पूरे देश में फांसी दी जाती है।
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यही से दरिंदों की फांसी के लिए फंदा गया है और निर्भया को 1 फरवरी को न्याय मिलेगा।
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उत्तर प्रदेश के गांव बलियां में लोगों में जमकर गुस्सा है। यहां के लोग गांव की बेटी के लिए न्याय को तरस रहे हैं। 1 फरवरी दरिंदों की फांसी का दिन है इस दिन गांव में जमकर जश्न मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे गांव में तैयारियां चल रही हैं।

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