चिता पर शहीद पिता को देख फूट-फूटकर रो पड़ा मासूम, किसी का भी फट जाए कलेजा

गाजीपुर (Uttar Pradesh) । कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद अश्वनी यादव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जहां सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी। छोटे भाई अमन यादव ने मुखाग्नि दी। इससे पहले शहीद का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव चकदाउद पहुंचा तो कोहराम मच गया। हर कोई शहीद की एक झलक पाने को बेताब था। यहां उन्हें सीआरपीएफ की सशस्त्र गारद की ओर से सलामी दी गई। वहीं, पत्नी अंशु अपने पति के शहीद होने के दो घंटे पहले हुई बात को कहते हुए रो रही थी, वहीं, बेटा और बेटी को रोते हुए अंतिम सलामी देते देख हर किसी का कलेजा फट सा जा रहा था।

Asianet News Hindi | Published : May 7, 2020 6:41 AM IST
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चिता पर शहीद पिता को देख फूट-फूटकर रो पड़ा मासूम, किसी का भी फट जाए कलेजा


शहीद अश्वनी यादव वर्ष 2005 में प्रयागराज से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। अश्वनी काफी होनहार व मेहनती भी थे। उनके साथ गांव के अन्य कई और युवा गए थे, लेकिन चयन सिर्फ अश्वनी का ही हुआ। अश्वनी जब-जब छुट्टी लेकर गांव आते थे, तो अन्य युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते रहते थे।
 

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कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद अश्वनी यादव ने वीर गति प्राप्त होने से दो घंटे पूर्व अपनी पत्नी अंशु से बात की थी। पत्नी अंशु को बताया कि ड्यूटी खत्म होने वाली है। हम अभी जंगल इलाके में निकले हैं, यहां से बेस कैंप पर जाएंगे। पत्नी द्वारा कुछ परेशानी बताने पर अश्वनी ने कहा कि आएंगे तो सभी परेशानियों को दूर कर देंगे। 
 

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बेटी आइसा को एक साइकिल भी खरीद कर देनी है। उसे डाक्टर बनना है, इसलिए उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना। पत्नी को जब-जब यह बातें यादें आ रही हैं तो उसके आंसू रुक नहीं रहे हैं।

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शहीद अश्वनी यादव ने शहीद होने से एक दिन पूर्व रविवार को अपनी पत्नी के मोबाइल पर एक सेल्फी भेजी थी। इस सेल्फी को देख-देखकर पूरा परिवार विलख रहा है। पत्नी बार-बार इस सेल्फी को देख रही है।
 

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सीआरपीएफ जवान अश्वनी यादव की शहादत पर गांव के युवाओं को गर्व तो है ही, लेकिन एक लाल को खो देने से काफी गमजदा भी हैं। आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर ग्रामीणों में काफी गुस्सा भी है। सभी ग्रामीण खासकर युवा सरकार से बदला लेने की मांग कर रहे हैं। सभी को अश्वनी की बातें, उनका व्यवहार याद आ रहा है।

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शहीद अश्वनी यादव के अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़ के आंखों से आंसू के धार बहने लगे। पत्नी अंशु व मां लालमुनि पार्थिव शरीर को पकड़ कर विलखने लगीं। दोनों बच्चे एक टक अपने पिता के पार्थिव शरीर को निहारते रहे। इसे देख लोगों का कलेजा मानो बाहर आ जा रहा था। 
 

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बता दें कि शहीद अश्वनी यादव का पार्थिव शरीर वायु सेना के विशेष विमान से वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट लाया गया। यहां वाराणसी के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
 

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फूलों से सजी गाड़ी में उनका पार्थिव शरीर रखकर नोनहरा के चकदाउद लाया गया। काला झंडा लगा वाहन जिस ओर से गुजर रहा था, सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे। 

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पूरे रास्ते अश्वनी यादव अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा अश्वनी नाम रहेगा के नारे लगते रहे। शहीद के पार्थिव शरीर के साथ आए चंदौली रेंज सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक दर्शन लाल गोला, एनपी ङ्क्षसह सहित दर्जनों सीआरपीएफ के अधिकारियों, नपा चेयरमैन बिनोद अग्रवाल सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने देर शाम श्मशान घाट पर श्रद्धांजलि दी।

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