कानपुर शेल्टर होम मामले में सियासत तेज, प्रियंका बोलीं- जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है

लखनऊ(Uttar Pradesh). कानपुर के शेल्टर होम में 7 लड़कियों के गर्भवती और 57 के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के मामले में विपक्ष यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने में लगी है। मामले में सियासत तेज हो गई है और विभिन्न राजनैतिक दलों के दिग्गज नेता सूबे की योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व यूपी कांग्रेस अध्यक्ष व फिल्म स्टार राज बब्बर समेत कई नेताओं ने इस मामले में शासन और प्रशासन पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में फिर से इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 22, 2020 8:15 AM IST

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कानपुर शेल्टर होम मामले में सियासत तेज, प्रियंका बोलीं- जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है

प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों की कोरोना वायरस के लिए जांच होने के बाद एक हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है कि दो लड़कियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव। उन्होंने लिखा, 'मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है।' प्रियंका ने कहा कि ऐसे में फिर से इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
 

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आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि कानपुर की यह घटना उत्तर प्रदेश के बाल संरक्षण गृह में हो रहे घिनौने अपराधों का सच उजागर करती है। 7 लड़कियां गर्भवती पाईं गईं, 57 कोरोना पोज़िटिव और ऐसे गम्भीर मामले पर पूरा योगी प्रशासन ख़ामोश है। आप नेता संजय सिंह ने कहा, 'योगी के बेशर्म प्रशासन की दलील सुनकर आप हैरान हो जायेंगे। प्रशासन कह रहा है कि बाल गृह में गर्भवती लड़कियां दूसरे जिलों से आई थीं। इसका मतलब उत्तर प्रदेश में 7 नाबालिग बच्चियों का रेप हुआ। उन मामलों में क्या कार्रवाई हुई योगी जी बताएं?'

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट करके कहा, 'कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है।' कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो। उन्होंने कहा कि सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए।

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कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने ट्वीट किया- सरकारी निगरानी में पल रहीं इन बच्चियों का ये ख्याल रखा गया?  सभी 57 बच्चियां संक्रमित लेकिन, कोरोना ने शोषण का जो भेद खोला, वह असहनीय है। ऐसे अन्याय बिना रसूखदारों की संलिप्तता के संभव नहीं। कानपुर के संरक्षण गृह मामले में सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को संज्ञान में लेना चाहिए। इसी तरह सपा प्रवक्ता एवं बाल अधिकार आयोग की पूर्व अध्यक्ष जूही सिंह ने ट्वीट किया- जो बच्चियां सरकार के संरक्षण में थीं, उनके साथ ऐसा अपराध, ऐसा अन्याय। ये कौन सा मॉडल है सरकार का?

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट किया- बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला सबके सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया में ऐसा ही मामला आ चुका है। ऐसे में पुन: इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से साफ है कि सरकार ने सबक नहीं लिया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा जैसे जुमले बोले देने से व्यवस्था नहीं बदलती मुख्यमंत्री जी। देवरिया से कानपुर तक की घटनाओं में क्या बदला?

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वहीं इस मामले में कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी ने इस मामले पर ट्वीट कर बताया कि कतिपय लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर द्वेषपूर्ण भावना से पूर्णतया असत्य सूचना मीडिया व सोशल मीडिया पर फैलाई गई है। आपदाकाल में यह संवेदनहीनता का उदाहरण है और फेक न्यूज के दायरे में आता है। जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए तथ्य एकत्र कर रहा है।

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