महंत कमल नयन दास के मुताबिक उसी समय से आयोजन की भूमिका तय होने लगी थी। पीएमओ की हरी झंडी के बाद ही तीस अप्रैल को भूमि पूजन की तिथि तय की गई थी लेकिन कोरोना के कारण पूरे आयोजन पर पानी फिर गया। अब जब दूसरी तिथि तय हुई है तो भी कोरोना संकट कायम है। फिर भी इस आयोजन को पूरा देश देखेगा, ऐसी व्यवस्था की जा रही है।