सच क्या है?
ट्विटर पर कीवर्ड सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि राहुल गांधी की तरफ़ से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है। न ही कोई मीडिया रिपोर्ट सामने आई जिसमें यह दावा किया गया हो कि उन्होंने यह ट्वीट किया है। गांधी की राजनैतिक सक्रियता को देखते हुए ऐसा नहीं हो सकता कि ऐसा कोई ट्वीट लोगों की नज़र में न आए।
हालांकि इस ट्वीट को फ़ेक साबित करने वाली सबसे ख़ास बात ये है कि इसमें टेक्स्ट और प्रोफ़ाइल पिक्चर वहां नहीं हैं जहां होना चाहिए। ये फॉटोशॉप ट्वीट मालूम पड़ता है जो किसी ट्रोलर ने बनाया है। वहीं 12 मई को पोस्ट किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें इस मेसेज को एक जोक की तरह लिखा गया था। जब मेसेज सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हुआ तब इससे राहुल गांधी को नहीं जोड़ा गया था। साफ है कि इसी जोक को राहुल गांधी के ट्वीट से जोड़कर वायरल कर दिया गया।