शोभन सरकार का निधन; इन्हें आया था जमीन में 1000 टन सोना दबे होने का सपना, सरकार ने खुदवा दी थी जमीन

Published : May 13, 2020, 12:53 PM IST

कानपुर देहात (Uttar Pradesh) । साधु शोभन सरकार का आज निधन हो गया। निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं। बता दें कि यह वही साधु थे, जिनके सपने के आधार पर उन्नाव के ढौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम खजाने की खोज में जुटी थी। शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में फतेहपुर के रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है। 

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शोभन सरकार का निधन; इन्हें आया था जमीन में 1000 टन सोना दबे होने का सपना, सरकार ने खुदवा दी थी जमीन


शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में फतेहपुर के रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है। इसके बाद ही सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी।
 

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सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी। हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला। केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी।
 

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तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है। वहीं, खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे। राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था।
 

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ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था, जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा।
 

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तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्‍य सरकार का हक होगा। यह सोने का खजाना ढौंडिया खेडा स्टेट के पच्चीसवें शासक राजा राव राम बक्श सिंह के किले के अवशेष में दबा बताया गया था। 
 

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राजा राव राम बक्श सिंह ने 1857 के दौरान ब्रिटिश शासनकाल के साथ लड़कर उसके छक्के छुड़ा दिए थे। बाद में उन्हें एक पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गई थी।वहीं, आज साधु शोभन सरकार का निधन हो गया। निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं। 

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