गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा
सन्यास लेने के बाद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आ गए थे। यहां वह अपने गुरु और तत्कालीन महंत गुरु अवेद्यनाथ की शरण में रहे। नाथ संप्रदाय की दीक्षा के बाद महंत अवेद्यनाथ ने उनको अपना उत्तराधिकारी बनाया। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से संसदीय चुनाव लड़े और सांसद बने। महंत अवेद्यनाथ ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ के लिए यह सीट छोड़ी थी। गुरु-शिष्य का यह रिश्ता एक पिता-पुत्र की तरह हमेशा कायम रहा। महंत अवेद्यनाथ के जीवन के अंतिम दिनों में योगी आदित्यनाथ पूरी शिद्दत के साथ उनकी सेवा में जुटे रहे। मंदिर का कामधाम संभालने के साथ ही वह दिल्ली के मेदांता अस्पताल में लगातार उनके साथ ही रहे।