शहर में मस्जिद में रंग ना पड़े और कोई सांप्रदायिक विवाद ना हो इसके लिए शहर में निकलने वाले लॉट साहब के जुलूस के रास्ते में पढ़ने वाली 40 मस्जिदों को ढक दिया जाता है और सुरक्षा के लिए मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है। जैसा कि इस बार अभी से किया जा चुका है।