बाराबंकी बना हाथरस: गैंगरेप के बाद पुलिस ने कर दिया लड़की का अंतिम संस्कार, पिता ने बयां किया दर्द..

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश). हाथरस में गैंगरेप और हत्या का मामला अभी थमा नहीं है कि बाराबंकी में एक दलित नाबालिग लड़की की रेप के बाद हत्या किए जाने की घटना सामने आई है। जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई। पीड़िता की मौत के बाद इस मामले में भी पुलिस पर हाथरस की घटना जैसे आरोप लगे हैं। पीड़िता के पिता ने अपना दर्द बयां करते कहा-पुलिस ने उनकी बेटी का शव बिना उनसे पूछे जबरन जला दिया गया। अब वह सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मामले की सीबीआई जाचं की मांग कर रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2020 1:14 PM IST / Updated: Oct 16 2020, 06:45 PM IST
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बाराबंकी बना हाथरस: गैंगरेप के बाद पुलिस ने कर दिया लड़की का अंतिम संस्कार, पिता ने बयां किया दर्द..

दरअसल, हैवानियत की यह घटना बाराबंकी जिले के  सेठमऊ गांव में दो दिन पहले बुधवार को सामने आई थी। जहां एक दलित लड़की खेत में फसल काटने के लिए गई थी। लेकिन वह शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजन उसको तलाशन के लिए निकले। उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो लड़की का शव खेत में पड़ा हुआ था, जहां उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। हालांकि पुलिस ने दिनेश गौतम नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है जो पीड़िता के गांव का ही रहने वाला है।

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पीड़िता के पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा-जब हम खेत में पहुंचे तो बेटी के हाथ बंधे हुए थे। साथ ही वहां पर शराब की तीन खाली बोतलें पड़ी हुई थीं। आरोपियों ने बेटी के मुंह में कपड़ा ठूंसकर नाक दबा दी जिससे उसकी मौत हो गई। पिता ने कहा-गांव का ही एक लड़का मेरी बेटी से जबरन शादी करना चाहता था। बच्ची नाबालिग थी इसलिए हम विवाह के लिए राजी नहीं थी। इसके बाद वह बेटी को परेशान कर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे। हमने इसकी शिकायत पहले पुलिस से भी खी थी। जहां तीन लोगों को पकड़ा भी था। उसी दौरान आरोपियों ने हमको जान से मारने की धमकी दी थी। 

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पिता का कहना है कि पुलिस ने ऐसे लोगों को हिरासत में लिया जो इस घटना में शामिल तक नहीं थे। हम चाहते हैं कि कानून दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दे लेकिन जो निर्दोष हैं उनको जबरन ना फंसाया जाए। क्योंकि वह लोग हमको यहां रहने नहीं देंगे। क्योंकि में तो मजदूर हूं दिनरात मेहनत करके परिवार का पेट पालता हूं। इस घटना के बाद से हमारे घर में खाने-पीने का कोई सामान नहीं बचा है। पूरा परिवार तीन से भूखा है।

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पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिसवालों ने बिना हमसे पूछे बेटी के शव को जला दिया। जबकि  हिंदू धर्म में नाबालिग को जलाया नहीं दफनाया जाता है। इसलिए हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच CBI करे। ताकी सच्चाई सबके सामने आ जाए। वहीं इस मामले में बाराबंकी एसपी आरएस गौतम ने बताया कि इस घटना की बारीकी से जांच की जा रही है। हत्या- दुष्कर्म के आरोपियों के साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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