पहली कहानी यूपी के बरेली की है, जहां मकान मालिक ने अपने संक्रमित किराएदार को घर से बाहर निकाल दिया। वह गिड़िगिड़ाया हाथ जोड़े, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। बेबस होकर युवक अपनी मां के पास रहने के लिए चला गया। आलम यह हुआ कि मां भी संक्रमित हो गई। तीन दिन बाद दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ी की कोई उनका ख्याल रखने वाला तक नहीं बचा। आखिरकार दोनों की मौत हो गई। एक रिश्तेदार की मौजदूगी में स्वास्थ्य विभाग ने मां-बेटे का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत एक ही चिता पर करवा दिया।