प्रयागराज : संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के इतिहास में सोमवार को नया अध्याय जुड़ गया। महंत रविंद्र पुरी (ravindra puri) को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुन लिया गया। रविंद्र पुरी को 7 अखाड़ों की मौजूदगी और एक अखाड़े की लिखित सहमति के बाद अध्यक्ष चुना गया। हालांकि, उन्होंने 19 अक्टूबर को ही खुद को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष घोषित कर दिया था। महंत नरेंद्र गिरि (narendra giri) के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी गद्दी पर बैठने वाले रविंद्र पुरी के बारे में कहा जाता है कि वह नरेंद्र गिरि के काम करने के तरीकों से सहमत और संतुष्ट नहीं थे। आइए जानते हैं उनसे जुड़ी अनसुनी बातें...