काशी में जलप्रलय: मंदिर डूबे-श्मशान डूबे..तस्वीरों में देखिए कैसै भयानक तांडव मचा रहीं गंगा-यमुना

Published : Aug 10, 2021, 07:38 PM IST

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश). बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि गंगा नगरी प्रयागराज से लेकर शिव की नगरी काशी तक जलमग्न हो चुकी है। दोनों शहरो में हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। गंगा-यमुना अपने खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। कई कॉलानियों डूब में आ चुकी हैं। कुदरत की तबाही इस कदर है कि दर्जनों गांव के हजारों लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। नदी किनारे बसे गांव में हाहाकार मचा हुआ है। आलम यह हो गया है कि एक जगह  से दूसरी जगह जाने के लिए नाव में बैठकर जाना पड़ रहा है।

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काशी में जलप्रलय: मंदिर डूबे-श्मशान डूबे..तस्वीरों में देखिए कैसै भयानक तांडव मचा रहीं गंगा-यमुना

दरअसल, गंगा नीद का जलस्तर 4 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जिसके चलते कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ आ चुकी है। लोगों के घर में पानी घुस चुका है। सड़कों पर नाव चलने लगी हैं। शहर और ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर डर इस कदर बैठ गया है कि वह दूसरी जगह अपने रिश्तेदारों के यहां पर पनाह लेने लगे हैं।

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बाढ़ के चलते कई स्टेशनों की पटरियां डूब चुकी हैं। कई ट्रेन रद्द कर दी हैं तो कई की स्पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की जगह 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार करने के आदेश दे दिए गए हैं।
 

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सबसे ज्यादा बुरे हालात काशी नगरी का हो चला है। यहां मणिकर्णिका घाट भी पानी में डूब गया है। लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी आ रही है। आलम यह हो गया है कि लोग सड़क किनारे शव जलाने के लिए मजबूर हो गए हैं। 

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वहीं प्रयागराज में गंगा का पानी खतरे पर आने पर बेली कछार, गंगापुरी, नेवादा कछार, अशोक नगर कछार, दशाश्वमेध घाट, म्योराबाद, जोंधवल, शंकरघाट, बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, ऊंचवागढ़ी, शिवकुटी, कैलाशपुरी कालोनी, चिल्ला कछार, नीवां, छतनाग, बदरा सोनौटी, हेतापट्टी, इलाकों में पानी घुस गया है।

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दरअसल, बारिश के चलते गंगा-यमुना नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है। दोनों नदियों का जलस्तर 3 से 4 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें बाढ़ राहत कार्य में तैयार रहने के आदेश जारी हो चुके हैं।
 

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