बता दें कि मंदिर में सप्तऋषि आरती सैकड़ों सालों से महंत परिवार के जिम्में ही है। 1983 में मंदिर के अधिग्रहण के बाद भी ये जिम्मेदारी इन्ही के कंधों पर रही, लेकिन आज मंदिर प्रशासन ने इन्हें ये करने से रोक दिया। जिसकी वजह से महंत परिवार और मंदिर प्रशासन के बीच चले आ रहे तनाव की वजह से विवाद एक बार फिर गहरा गया है।