Published : May 18, 2020, 08:04 AM ISTUpdated : May 18, 2020, 08:06 AM IST
लखनऊ (Uttar Pradesh)। कोरोना के कारण दूसरे राज्यों से प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी लोग पैदल आदि तरीके से यूपी की सीमा में प्रवेश कर ले रहे हैं। इसके लिए उन्हें तमाम प्रकार की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन, वो सीएम योगी आदित्यनाथ की काबिल-ए-तारीफ भी कर है। वे सीएम योगी आदित्यनाथ को बेस्ट सीएम भी बताने से गुजेर भी नहीं कर रहे हैं। इसके लिए यहां तक तर्क दे रहे हैं कि सीएम ने बिना भेदभाव किए मजदूरों की सुविधा-सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाई है। इसके पीछे के कारण की हमने पड़ताल की तो कुछ यूं सच्चाइयां सामने आई।
बीते 3-4 दिनों में जिस तरह से दूसरे राज्यों से पैदल चलकर अपने घर पहुंचने की जुगत में लगे प्रवासी मजदूरों के लिए यूपी में जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं, उनकी तारीफ प्रवासी मजदूर भी कर रहे हैं।
25
प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने को लेकर दिए गए निर्देशों के बाद यूपी की पुलिस सीएम योगी की 'सारथी' के रूप में काम कर रही है। दूसरे राज्यों से पैदल या ट्रक जैसे वाहनों से चलकर आ रहे प्रवासी मजदूरों को पुलिस रास्ते में ही रोक रही है, उन्हें खाना खिला रही है।
35
दूसरे राज्यों से वापस यूपी आ रहे मजदूर या यूपी होते हुए जा रहे मजदूरों का कहना है कि उन्हें जहां पर भी पुलिस रोक रही है, वहां से उनके जाने की भी व्यवस्था कर रही है।
45
मजदूरों को खुशी इस बात की है कि जहां यूपी पहुंचने से पहले उन मजदूरों से ट्रक जैसे साधनों ने जमकर वसूली की, वहीं यूपी में पुलिस जिन बसों के माध्यम से भेज रही है, उनमें किसी तरह का पैसा नहीं लिया जा रहा।
55
अलग-अलग राज्यों से होकर आए ये मजदूर अब योगी आदित्यनाथ को यूपी का बेस्ट सीएम बता रहे हैं। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्वारंटाइन होने वाले मजदूरों को घर जाते समय एक हजार रुपए और राशन भी उपलब्ध करा रही है, जो संकट के समय मजदूरों के लिए काफी सहायक हो रहा है।