पिता की मौत के बाद भी परदेश से ना आ सके बेटे, 65 साल की बुजुर्ग महिला ने दी पति को मुखाग्नि

बस्ती (Uttar Pradesh). देश में चल रहे कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन किया गया है . ऐसे में यातायात के साधनों पर रोक लगाई गई है। रोजी-रोटी के सिलसिले में बाहर गए लोग फंसे हुए हैं वह चाह कर भी घर नही आ पा रहे हैं। हांलाकि सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए प्रयास शुरू किया है। उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक ऐसा मामला सामने आया है जो कि आपके दिल को झकझोर देगा। जी हां यहां एक बुजुर्ग की मौत के बाद उसके चिता को मुखाग्नि देने बेटे नहीं पहुंच सके। जिसके बाद उनकी मां ने खुद बेटों का फर्ज निभाया और पति की चिता को मुखाग्नि दी। ये दृश्य वहां मौजूद जितने भी लोगों ने देखा उनकी आंखें भर आईं। 

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2020 8:34 AM IST / Updated: May 11 2020, 02:08 PM IST
16
पिता की मौत के बाद भी परदेश से ना आ सके बेटे, 65 साल की बुजुर्ग महिला ने दी पति को मुखाग्नि

मामला बस्ती जिले के हरैया थानाक्षेत्र के कोदई गांव का है। यहां के रहने वाले संतराम शर्मा( 70) घर पर ही रहकर खेती बाड़ी करते थे। उनके तीन बेटों में राधे कृष्ण पूना, अर्जुन प्रसाद हरियाणा और सबसे छोटा बेटा सुभाष पंजाब में अपने परिवार के साथ रहकर वहीं नौकरी करते हैं। संतराम अपनी पत्नी कैलासी (65) के साथ गांव में ही रहते थे। 
 

26

रविवार को दोपहर में 12 बजे अचानक संतराम की तबियत बिगड़ गई, उन्हें सीने व पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। पत्नी कैलाशी ने पड़ोसियों से अस्पताल ले जाने के लिए मदद मांगी। पड़ोसी संतराम को अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि कुछ ही देर में संतराम शर्मा की मौत हो गई।
 

36

इसके बाद गांव के लोगों ने संतराम की मौत की सूचना उनके तीनों बेटो को दी लेकिन बेटों ने इसे मानने से इंकार कर दिया क्योंकि उन्होंने सुबह ही फोन पर पिता से बात की थी। लेकिन जब गांव के लोगों ने वीडियो कॉलिंग के जरिये घर का हाल दिखाया तो उनके होश उड़ गए। 

46

मृतक सन्तराम के बेटों ने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये तुरंत तैयार हुए लेकिन कोई यातायात का साधन उपलब्ध नही था। वह खुद के साधन की व्यवस्था कर आना चाहते थे लेकिन लॉकडाउन और सीमाओं के सील होने के कारण स्थानीय प्रशासन से उन्हें अनुमति नहीं मिली।
 

56

काफी प्रयास के बाद मृतक के बेटों ने लाकडाउन के चलते पिता के अंतिम संस्कार में न पहुंच पाने की मजबूरी ग्रामीणों से बताई। तो इसके बाद समस्या खड़ी हुई कि आखिर अब मृतक संतराम का अंतिम संस्कार करेगा कौन? 
 

66

इसके बाद मृतक संतराम की पत्नी कैलासी देवी ने खुद ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। जिसके बाद पेंदाघाट पर मृतक संतराम को उनकी पत्नी कैलासी ने अपने कांपते हाथों से मुखाग्नि दी। जिसने भी यह हृदय विदारक नजारा देखा वो अपने आंसू नहीं रोक पाया। पिता की मौत में शामिल न हो पाये बेटों ने वीडियो कॉलिंग के जरिये पिता का अंतिम दर्शन किये।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos