कोरोना के मरीज को निमोनिया बता भेज दिया घर, खुली पोल तो कहा- 26 लाख रुपए जमा करो

कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बन कर सामने आया है। चीन के हुबेई प्रोविन्स के वुहान शहर से फैला यह वायरस दुनिया के सैकड़ों देशों में कहर बरपा रहा है। अमेरिका में भी इससे बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं। अमेरिका वैसे तो दुनिया का सबसे विकसित देश माना जाता है, लेकिन वहां कोरोना से पीड़ित एक महिला जब हॉस्पिटल में भर्ती हुई तो डॉक्टरों ने उसे निमोनिया से पीड़ित बताया। दरअसल, कोरोना और निमोनिया के लक्षण मिलते-जुलते हैं। लेकिन एक हफ्ते के बाद जांच में उसे कोरोना से संक्रमित पाया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे घर भेज दिया और इलाज के बिल के रूप में 26 लाख रुपए की मांग की। डैनी एस्किनी नाम की यह महिला छाती में दर्द होने पर अस्पताल गई थी। यह महिला अमेरिका के बोस्टन शहर की रहने वाली है। उसे छाती में दर्द के साथ माइग्रेन की समस्या थी और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। कोरोना संक्रमण का पता चलने के बाद और इतना भारी-भरकम बिल देख कर महिला परेशान हो गई। उसके पास कोई हेल्थ इन्श्योरेंस भी नहीं था। बता दें कि अमेरिका में करीब 2 करोड़, 70 लाख लोगों के पास हेल्थ इन्श्योरेंस नहीं है। वैसे, अमेरिका में कोरोना वायरस की मुफ्त जांच किए जाने की घोषणा की गई है, लेकिन जिन लोगों के पास कोई बीमा नहीं है, उन्हें इलाज के लिए भारी-भरकम रकम चुकानी पड़ सकती है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। देखें अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण से पैदा हुए हालात की तस्वीरें।  

Manoj Jha | Published : Mar 22, 2020 6:11 AM IST / Updated: Mar 22 2020, 11:52 AM IST
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कोरोना के मरीज को निमोनिया बता भेज दिया घर, खुली पोल तो कहा- 26 लाख रुपए जमा करो
कोरोना से संक्रमित महिला को पहले निमोनिया से पीड़ित बताया गया। बाद में कहा गया कि वह कोरोना वायरस की शिकार है और उसे घर भेज कर भारी-भरकम बिल थमा दिया गया।
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अमेरिका के एक अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट देखते डॉक्टर्स।
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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को भर्ती करने के लिए अमेरिका के एक अस्पताल में बेड ठीक करता एक मेडिकल स्टाफ।
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कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी चीजों को देखने में लगा एक मेडिकल स्टाफ।
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कोरोना वायरस के मरीजों की जांच और चिकित्सा के लिए मेडिकल स्टाफ को भी पूरी तरह सुरक्षा उपायों को अपनाना पड़ता है। कई बार डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी संक्रमण के शिकार हो जाते हैं।
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कोरोना के एक मरीज को एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाने की तैयारी में लगा मेडिकल स्टाफ।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी करोना संक्रमण की जांच करवाई है। इस जांच में वे नेगेटिव पाए गए।
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कोरोना के मरीजों की चिकित्सा की तैयारी करते डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ।
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अमेरिका के एक अस्पताल में कोरोना के मरीज की चिकित्सा के इंतजाम में लगे डॉक्टर और मेडिकलकर्मी।
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एक हेल्थ वर्कर डिसइन्फेक्शन के लिए दवा का छिड़काव करते। इससे वातावरण में जो धुआं फैलता है, उससे वायरस के खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है।
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