जब मोबाइल हाथ में होता है, तो इंसान को खुद की सुध भी नहीं रहती, देखिए कुछ फनी फोटोज

Published : Dec 24, 2020, 10:51 PM IST

बात 1973 की है, जब पहला मोबाइल फोन लॉन्च हुआ था। इसे तब  0G (Zero Generation) मोबाइल कहते थे। इसके करीब 10 वर्ष बाद मोटारोला कंपनी आम लोगों के लिए मोबाइल बाजार में लाई थी। इस वर्जन का नाम Motorola DynaTAC 8000X था। आज तो मोबाइल के बिना इंसान जैसे अधूरा-सा लगता है। दूरसंचार कंपनी एरिक्सन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 2026 तक दुनियाभर में 3.5 अरब 5G कनेक्शन होंगे। बिना मोबाइल आदमी मानों बैचेन हो जाता है। देखिए कुछ फनी फोटोज...

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जब मोबाइल हाथ में होता है, तो इंसान को खुद की सुध भी नहीं रहती, देखिए कुछ फनी फोटोज

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भारत में पहला मोबाइल फोन 31 जुलाई, 1995 को आया था। मोबाइल आदि की सेवाओं के लिए केंद्र सरकार ने 20 फरवरी, 1997 में ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) की स्थापना की थी। यह मोबाइल सेवा कंपनियों पर कंट्रोल रखती है।

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भारत में आम आदमी के लिए सबसे पहले मोबाइल लाने का श्रेय  ‘Spice Mobiles’ कंपनी के मालिक भूपेंद्र कुमार मोदी ने 1994 में किया था।

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एरिक्सन कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 तक भारत में 35 करोड़ 5G कनेक्शन होंगे। एरिक्सन के नेटवर्क समाधान (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिनिया और भारत) के प्रमुख नितिन बंसल के मुताबिक, अगर अगले साल स्पेक्ट्रम की नीलामी हो गई, तो भारत को 2021 में पहला 5G कनेक्शन मिल जाएगा।

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एरिक्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 तक दुनिया की 60 फीसदी आबादी 5G मोबाइल सेवाओं का उपयोग करने लगेगी।

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बता दें कि 2020 में भारत में स्मार्ट फोन सब्सक्रिप्शन 76 करोड़ हो गए हैं। 2026 तक इसमें 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
 

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भारत में स्वदेशी चीजों के प्रति बढ़ते आकर्षण के चलते यहां की कंपनियों को फायदा पहुंच सकता है। अभी भारत में माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन, इंटेक्स, XOLO, स्पाइस, वीडियोकॉन, सेलकॉन, ऑनिडा, विप्रो आदि कंपनियां हैं।

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बता दें कि अभी भी भारत में चीनी मोबाइल का बड़ा मार्केट है। इनमें लेनोवो, जियोनी, हुवाई, विवो, ओप्पो, शाओमी(MI) और रियलमी जैसी कंपनियां शामिल हैं।

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भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश बन गया है। यह जानकारी कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी थी।

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केंद्रीय रविशंकर प्रसाद ने पिछले दिनों बताया था कि भारत में 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स तैयार हो चुकी हैं। यानी भारत में 330 मिलियन मोबाइल हैंडसेट्स बनाए जा चुके हैं।

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2014 में भारत में बने मोबाइल फोन्स की कुल वैल्यु 3 बिलियन डॉलर थी। 2019 में यह वैल्यु 30 बिलियन डॉलर पहुंच गई। 
(फोटो सोर्स-GOOGLE)

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