24 घंटे बाद धरती से टकरा सकता है विशालकाय उल्कापिंड, अंतरिक्ष से इतनी तेज रफ़्तार में आ रहा है करीब

Published : Nov 09, 2020, 11:43 AM IST

हटके डेस्क: 2020 में दुनिया को कई तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ा। वैसे तो ये आपदाएं हर साल ही आती थी लेकिन इस साल कोरोना जैसी महामारी के बीच लोगों को ये आपदाएं कुछ ज्यादा ही भारी लग रही हैं। 2020 में अंतरिक्ष में भी होने वाली हलचल काफी बढ़ी हुई नजर आई। पहले तो अप्रैल में दुनिया के खत्म होने की बात सामने आई। लेकिन उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से होते हुए गुजर गया। इसके बाद खबर आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद एक उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा सकता है। इस उल्कापिंड को Asteroid 2020 UL3 नाम दिया गया है। ये तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है, जिसके पृथ्वी के ऑर्बिट से 10 नवंबर को गुजरने की बात सामने आ रही है। यानी अब 24 घंटे से भी कम समय में ये उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। अगर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण ने इसे खींचा तो इसकी टक्कर हो सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स ने इसके चान्सेस काफी कम बताएं हैं। फिर भी इसपर नजर रखी जा रही है।  

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24 घंटे बाद धरती से टकरा सकता है विशालकाय उल्कापिंड, अंतरिक्ष से इतनी तेज रफ़्तार में आ रहा है करीब

इंग्लैंड में ब्लैकपूल टॉवर के लगभग एक क्षुद्रग्रह बेहद तेज गति से पृथ्वी की कक्षा की ओर बढ़ रहा है। इस स्पेस रॉक, जिसे नासा द्वारा देखा जा रहा है, मंगलवार 10 नवंबर, 2020 को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के लिए ट्रैक पर है।

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यह क्षुद्रग्रह 25,050 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। नासा ने अनुमान लगाया कि ये रॉक, जिसे 2020 UL3 कहा गया है, कल 12:48 बजे तक पृथ्वी के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। 

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नासा ने इस क्षुद्रग्रह को 53 मीटर से 130 मीटर के जितना बड़ा बताया है। यानी ये स्पेस रॉक 173 और 426 फीट के बराबर है। इस हिसाब से इसका साइज में ब्लैकपूल टॉवर, जो 14 मई 1894 को बनाया गया था और ब्लैकपूल, इंग्लैंड के समुद्र तट पर खड़ा है, जितना बड़ा है। 

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UL3 को अपोलो क्षुद्रग्रह के रूप में पहचाना गया है, जो एक क्षुद्रग्रह है जो अंतरिक्ष से गुजरते हुए पृथ्वी की कक्षा को पार करता है। इसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट भी कहा जा सकता है। नासा के मुताबिक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट वो धूमकेतु और क्षुद्रग्रह होते हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से आकर्षित हो सकते हैं। 
 

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 नासा के अनुसार, नियर अर्थ ऑब्जेक्ट एक शब्द है जिसका उपयोग धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जो पास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण द्वारा उसकी कक्षाओं में प्रवेश कर जाते हैं। 
 

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 UL3 द्वारा हमारे ग्रह पृथ्वी और जीवन के लिए किसी तरह के नुकसान के चान्सेस तो नहीं है। लेकिन रेयरेस्ट हालात में टक्कर हो भी सकती है। साथ ही इसकी वजह से मौसम प्रणालियों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती है। 

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आपको बता दें कि इससे पहले 66 मीलियन साल पृथ्वी से उल्कापिंड टकराया था। उस टकराहट में पृथ्वी से डायनासोर खत्म हो गए थे। इसके बाद से कई उल्कापिंड पृथ्वी की ऑर्बिट से होते हुए गुजर गए हैं। 

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