Published : Jun 05, 2020, 02:34 PM ISTUpdated : Jun 05, 2020, 05:31 PM IST
हटके डेस्क: भारत में कई संस्कृति और सभ्यता के लोग रहते हैं। सबके जीने का अलग ढंग और अलग तरीका है। भारत में अघोरियों की काफी चर्चा होती है। आम जिंदगी से दूर इन अघोरियों की दुनिया बेहद अलग होती है। ये अघोरी भगवान शिव के भक्त होते हैं। इन्हें देखकर ही डर लगता है। अघोरियों के बारे में एक बात जो सबसे ज्यादा चर्चित है वो है उनका खान-पान। अघोरी जले मुर्दे खाते हैं और शवों के साथ तंत्र-साधना करते हैं। फोटोग्राफर जन स्क्वेरा ने भारत के इन अघोरियों की जिंदगी को बेहद नजदीक से कैमरे में कैद किया। फोटोग्राफर ने वाराणसी के शमशान घाट पर रहने वाले अघोरियों की तस्वीर खींची। इन तस्वीरों को देख आपका कलेजा कांप जाएगा। इन अघोरियों को लाशों से किसी तरह का डर नहीं होता। देखिए सोशल मीडिया पर इस फोटोग्राफर द्वारा शेयर की गई ये तस्वीरें...
38 साल के पोलिश फोटोग्राफर जन स्क्वेरा जब वाराणसी घूमने आए थे, तब उनका संपर्क अघोरियों से हुआ था। इसके बाद उन्होंने इनकी जिंदगी को तस्वीरों में बेहद नजदीक से कैद कर लिया। ये अघोरी शवों से मांस नोच खाते है। और इंसानी खोपड़ी में पानी पीते हैं।
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जन स्क्वेरा की इन तस्वीरें में अघोरी समुदाय के सदस्यों को दिखाया गया। ये लोग पूजा-पाठ करते हुए हिन्दू धर्म को मानते हैं।
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अपने वाराणसी दौरे के दौरान जन स्क्वेरा इन अघोरियों से मिले थे। इनकी जिंदगी को देखने के बाद उन्होंने दुनिया को इसकी झलक दिखाने का फैसला किया।
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श्मशान घाट के पास रहने वाले एक अघोरी के घर के अंदर की तस्वीर। ये अघोरी अपने घर में खाली कॉफिन में सामान भी रख लेते है।
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कमरे में रखे एक बैग में सिर्फ इंसानों की खोपड़ी मिली। किसी आम इंसान के लिए ये इंसानी खोपड़ी डरावनी चीज हो सकती है, लेकिन ये अघोरी इसे आम चीज मानते हैं।
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तस्वीर में एक अघोरी इंसानी खोपड़ी से पानी पीते हुए। इस तस्वीर को इंटरनेशनल मीडिया में काफी सराहा गया।
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ये अघोरी सड़े मांस को खाते हैं। वैसे तो ये बाहरी लोगों से ज्यादा संपर्क नहीं रखते लेकिन जन स्क्वेरा ने इनसे दोस्ती कर लोगों को इनकी जिंदगी बेहद नजदीक से दिखाई।
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इंसानी खोपड़ी और शमशान घाट में जली लाश की राख लपेटे बैठे अघोरी की तस्वीर।
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इन अघोरियों को तंत्र विद्या के लिए जाना जाता है। ये लोग मरे लोगों की लाश खाते हैं।
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ये अघोरी भगवान शिव के भक्त होते हैं। दुनियादारी से दूर ये अघोरी अकेले में साधना करते हैं।
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इन अघोरियों को किसी चीज से मोह नहीं होता। हर तरह की सुविधाओं से दूर अघोरी बेहद सादी जिंदगी जीते हैं।
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ऐसा कहा जाता है कि अघोरी जिंदगी और मौत के बीच जीते हैं। ये ज्यादातर शमशान घाट के पास रहते हैं। और लाशों से तेल भी निकालते हैं।