50 साल से रूस ने छिपा रखा था ये खतरनाक हथियार, न्यूक्लियर बम से भी 3 हजार गुना ज्यादा मचा सकता है तबाही

हटके डेस्क: दुनिया में शक्तिशाली देश बनने की होड़ कई देशों के बीच लगी रहती है। अमेरिका हो या चीन हो, हर देश अपने आप को शक्तिशाली घोषित करने के लिए कई तरह के हथियार जमा करता रहता है। अभी तक के हथियारों की लिस्ट में परमाणु हथियारों को सबसे ज्यादा घातक और खतरनाक माना जाता है। हर देश जिसके पास ये हथियार है, वो इसे इस्तेमाल करने से परहेज करते हैं। अभी तक अमेरिका ने दो बार जापान पर परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया है।  इसके बाद किसी भी देश ने इसका इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन अब जाकर रूस ने एक वीडियो जारी किया है, जो आज से 50 साल से पहले से टेस्ट किया गया था। रूस का ये शक्तिशाली बम हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 3 हजार 333 गुना अधिक शक्तिशाली था। अगर ये बम किसी देश पर गिरे तो उसकी तबाही का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2020 8:18 AM IST / Updated: Aug 27 2020, 01:53 PM IST
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50 साल से रूस ने छिपा रखा था ये खतरनाक हथियार, न्यूक्लियर बम से भी 3 हजार गुना ज्यादा मचा सकता है तबाही

रूस की राज्य परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ज़ार बॉम्बे परीक्षण के पहले कभी नहीं देखे गए फुटेज को जारी किया है। मानव इतिहास में सबसे बड़ा मानव निर्मित विस्फोट, जिसमें 1961 में देश ने 50 मेगाटन थर्मोन्यूक्लियर बम विस्फोट किया था। 

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ये विस्फोट आर्कटिक सर्कल में एक द्वीप के ऊपर 13,000 फीट की दूरी पर किया गया था। इस बम की शक्ति हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 3,333 बार अधिक ज्यादा थी।  

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इस विस्फोट को नॉर्वे से भी देखा गया था। इस विस्फोट के बाद आसमान में मशरूम बादल जैसा कुछ सीन क्रिएट हुआ था जिसने वायुमंडल में 213,000 फीट का गुब्बारा फैला दिया था। 

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यह बम अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु उपकरण था - अमेरिका के 15 मेगाटन कैसल ब्रावो बम के बाद जिसे 1954 में विस्फोट किया गया था। इसे एक बम केस में डाला गया था।  

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इस बम को स्पेशल रूप से डिजाइन किये गए एक गाड़ी से टेस्ट करने के लिए लाया गया था।  इंजीनियर टीयू -95 बॉम्बर ने ज़ार बामा को उत्तरी रूस के एक हवाई क्षेत्र से लगभग 600 मील की दूरी पर परीक्षण के स्थल तक पहुंचाया था। 

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बम को ड्रॉप के लिए एक पैराशूट से जोड़ा गया था, ताकि उसकी स्पीड नीचे गिरते हए धीरे हो जाती। ताकि बम का पायलट डिवाइस के विस्फोट होने से पहले विस्फोट के दायरे से बाहर निकल सके।

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बॉम्बर के कॉकपिट के अंदर से फुटेज से पता चलता है कि डिवाइस से निकलने वाला फ्लैश काफी ब्राइट था। धमाके की चपेट में आने से झटके के रूप में विमान ने 1,000 फीट की ऊंचाई पर नियंत्रण खो दिया, लेकिन फिर भी सुरक्षित रूप से उतरने में कामयाब रहा। 

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इस धमाके से झटके के कारण भूकंप आया जिसे रिक्टर पैमाने पर 5.0 मापा गया।  आंशिक रूप से विस्फोट के परिणामस्वरूप, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका 1963 में खुली हवा में परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने पर सहमत हुए थे। 

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